Reliance की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को लेकर आया बड़ा अपडेट, बीएसई ने सर्किट सीमा बढ़ाकर 20 प्रतिशत की

Jio Financial Services Update: बीएसई द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नई सर्किट सीमा सोमवार चार सितंबर से लागू होगी. इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि एक सत्र में कंपनी के शेयर के भाव में एक निश्चित सीमा से अधिक का उतार-चढ़ाव नहीं आए.

By Madhuresh Narayan | September 3, 2023 11:17 AM

Jio Financial Services Update: देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की अलग हुई गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) के शेयर के लिए सर्किट सीमा को मौजूदा के पांच प्रतिशत से संशोधित कर 20 प्रतिशत कर दिया है. बीएसई द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नई सर्किट सीमा सोमवार चार सितंबर से लागू होगी. इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि एक सत्र में कंपनी के शेयर के भाव में एक निश्चित सीमा से अधिक का उतार-चढ़ाव नहीं आए. इसके अलावा बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह शेयर अगले सप्ताह ‘ट्रेड-टू-ट्रेड’ खंड से बाहर हो जाएगा. जियो फाइनेंशियल के अलावा रेलटेल और इंडिया पेस्टिसाइड्स सहित नौ कंपनियों के लिए मूल्य दायरे को संशोधित कर 10 प्रतिशत कर दिया गया है.

शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने को की गयी व्यवस्था

किसी शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रण में रखने के लिए बीएसई द्वारा ‘सर्किट’ व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक दिन में किसी शेयर में अधिकतम उतार-चढ़ाव की सीमा है. इसके अलावा, एक सितंबर को जियो फाइनेंशियल के शेयर को बेंचमार्क सेंसेक्स सहित सभी बीएसई सूचकांकों से हटा दिया गया था. मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होने के कारण जियो फाइनेंशियल के शेयर 21 अगस्त को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुए थे. पहले कंपनी के शेयर को 24 अगस्त को सूचकांकों से हटाया जाना था. बाद में इसे 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, इसके लगातार निचले सर्किट को छूने की वजह से एक्सचेंजों से इसे हटाने में और देरी हुई. पिछले तीन कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयर में तेजी आई है और इसने ऊपरी सर्किट सीमा को छुआ है. पिछले महीने कंपनी की सालाना आमसभा में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी कि जियो फाइनेंशियल बीमा क्षेत्र में उतरेगी और यह जीवन, साधारण और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की पेशकश करेगी.

‍BSE ने किया था डिलिस्ट

रिलायंस समूह की नई सूचीबद्ध कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) को एक सितंबर से शेयर बाजार बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स समेत सभी सूचकांकों से हटा दिया था. बीएसई ने बृहस्पतिवार को एक परिपत्र में कहा कि जेएफएसएल को एक सितंबर को कारोबार शुरू होने के पहले बीएसई के सभी सूचकांकों से अलग कर दिया जाएगा. वित्तीय सेवा फर्म जेएफएसएल 21 अगस्त को बीएसई के साथ एनएसई पर भी सूचीबद्ध हुई थी. इसके शेयर की कीमतों में एक तरह की निश्चितता देने के लिए इसे सूचकांकों का हिस्सा बनाया गया था. पहले इसे 24 अगस्त को ही सूचकांकों से अलग कर दिया जाना था लेकिन सूचीबद्धता के बाद के कुछ शुरुआती कारोबारी सत्रों में यह लगातार निचले सर्किट को छूता रहा. ऐसी स्थिति में शेयर बाजार ने इस सूचकांकों से अलग करने को 29 अगस्त तक के लिए टाल दिया था.

शेयरों में 29 अगस्त और 30 अगस्त को निचला सर्किट नहीं लगा

रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर एक अलग कंपनी के रूप में सूचीबद्ध हुई जियो फाइनेंशियल के शेयरों में 29 अगस्त और 30 अगस्त को निचला सर्किट नहीं लगा था. बृहस्पतिवार को भी कंपनी के शेयर पांच प्रतिशत की ऊपरी सर्किट सीमा छूने में सफल रहे. बीएसई की सूचकांक समिति ने कंपनी के शेयरों में आई स्थिरता को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार सुबह से इसे सूचकांकों से हटाने का फैसला किया है. रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी ने गत सोमवार को सालाना आमसभा में कहा था कि जियो फाइनेंशियल भविष्य में बीमा क्षेत्र में भी कदम रखेगी जिसमें जीवन बीमा के साथ साधारण बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा उत्पाद भी शामिल होंगे.

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जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का नेटवर्थ 1.2 लाख करोड़ रुपये : अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी के एजीएम में कहा था कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज 1.2 लाख करोड़ रुपये के नेटवर्थ के साथ पूंजीकृत है. उन्होंने दावा किया था कि यह दुनिया में सबसे अधिक पूंजी के साथ शुरुआत करने वाले वित्तीय सेवा मंचों में शामिल है. कंपनी की वार्षिक आमसभा में अंबानी ने कहा कि जेएफएस उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए सर्वव्यापी पेशकश के साथ अपने भुगतान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, जिससे भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जेएफएस उत्पाद न केवल उद्योग की मौजूदा कंपनियों को टक्कर देंगे, बल्कि ‘ब्लॉकचेन-आधारित मंच’ और सीबीडीसी जैसी खूबियों का भी इस्तेमाल करेंगे.

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