नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी में मोदी सरकार, बजट 2021 में बढ़ाई जा सकती है टैक्स छूट की सीमा

Budget 2021-22 : नौकरीपेशा लोगों के लिए एक खुशखबरी है. मोदी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में नौकरी करने वाले लोगों को राहत देने की तैयारी में जुट गई है. ऐसा इसलिए संभावना जाहिर की जा रही है कि कोरोना वायरस महामारी का सबसे अधिक असर नौकरीपेशा लोगों पर देखने को मिला है. खबर है कि केंद्र सरकार नौकरी करने वालों को टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाकर सौगात दे सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2020 8:21 PM

Budget 2021-22 : नौकरीपेशा लोगों के लिए एक खुशखबरी है. मोदी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में नौकरी करने वाले लोगों को राहत देने की तैयारी में जुट गई है. ऐसा इसलिए संभावना जाहिर की जा रही है कि कोरोना वायरस महामारी का सबसे अधिक असर नौकरीपेशा लोगों पर देखने को मिला है. खबर है कि केंद्र सरकार नौकरी करने वालों को टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाकर सौगात दे सकती है.

आगामी 1 फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नौकरीपेशा लोगों के लिए इस छूट का ऐलान कर सकती हैं. दरअसल, मीडिया की खबरों में इस बात का दावा किया है कि सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट, मेडिकल इंश्योरेंस बेनिफिट और इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले छूट की सीमा बढ़ा सकती है. इस साल नौकरीपेशा लोगों को सैलरी कटौती से लेकर नौकरी खोने तक का दंश झेलना पड़ा है. ऐसे में, केंद्र सरकार के इस कदम से देश के लाखों कर्मचारियों को कुछ राहत मिल सकती है.

मीडिया की खबर में वित्त मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि बजट 2021-22 में नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स छूट दिए जाने की तैयारी चल रही है. सरकार की तरफ से यह ऐलान इसलिए भी किया जा सकता है, ताकि इस वर्ग की जेब में कुछ अतिरिक्त पैसा बच सके.

स्टैंडर्ड डिडक्शन की बढ़ सकती है सीमा

कोरोना वायरस के बाद अब खुदरा और थोक महंगाई दर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आम आदमी के लिए रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं. सरकार का मानना है कि कम वेतन और बढ़ते खर्च के बीच तालमेल बैठाने के लिए नौकरीपेशा लोगों को कुछ राहत मिलनी चाहिए. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर भी नौकरीपेशा लोगों को राहत दी जा सकती है. फिलहाल, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये है, जिसके बढ़ाकर 1,00,000 रुपये तक किया जा सकता है.

मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर टैक्स से छूट

स्टैंडर्ड डिडक्शन में इस छूट के अलावा मेडिकल इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम पेमेंट पर टैक्स राहत मिल सकती है. दरअसल, कोरोना काल में डॉक्टरों ने फीस बढ़ा दिया है. सरकार अब मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की लिमिट को भी बढ़ा सकती है. वर्तमान में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसमें पति/पत्नी, बच्चों समेत खुद की पॉलिसी पर जमा किए गए प्रीमियम शामिल होगा. इसमें 5,000 रुपये का मेडिकल चेकअप भी शामिल है. अगर आपके माता/पिता वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं और आप ही इनका प्रीमियम भरते हैं तो 50,000 रुपये तक का टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.

टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव

मीडिया की खबर में यह भी बताया गया है कि इस बार मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब की लिमिट में भी बढ़ोतरी कर सकती है. फिलहाल सालाना 2.5 लाख रुपये के इनकम पर कोई टैक्स देय नहीं होता है. साथ ही, कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद सालाना 5 लाख रुपये तक के आय पर भी टैक्स से राहत मिलती है. फिलहाल इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि केंद्र सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए 5 लाख रुपये की आमदनी को भी टैक्स देयता के दायरे से बाहर कर दे.

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Posted By : Vishwat Sen

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