बजट में क्या खास होगा ? इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो रही है. विशेषज्ञ भी इस मामले में अपनी राय सामने रख रहे हैं. विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स मामले में टैक्स डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती है. इनका मानना है कि इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किया जा सकता है. मौजूदा समय में 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर डिडक्शन का लाभ मिल सकता है.
एक फरवरी को पेश हो रहा है बजट
सेक्शन 80 सी के अबतक बैंक एफडी, प्राइवेट फंड्स,लाइफ इश्योरेंस, पीपीएफ इत्यादि में आपको 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स का लाभ मिल रहा था. अब नये बजट में उम्मीद है कि इसे बढ़ाया जा सकेगा. नया बजट एक फरवरी को पेश होना है. टैक्स में 80 सी के तहत तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ाने की बात टैक्स एक्सपर्ट अंकित सेहरा ने कही, इस फैसले से निवेश में बढोत्तरी होगी और अर्थव्यस्था को भी लाभ मिलेगा.
निवेश में मिल सकती है राहत
अंकित सेहरा ने बताया कि सरकार लंबे समय तक निवेश और बचत को लेकर नियम लेकर आ सकती है. उन्होंने बताया कि अभी कोई ऐसी योजना नहीं है जो टैक्स में बड़ा छूट देती हो. सरकार इस तरह की योजना लायेगी इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से अर्थव्यस्था कमजोर है ऐसे में इस तरह की योजना से इकोनॉमी को उबरने में मदद मिलेगी. लाइफ इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स लांग टाइम सेविंग के मुख्य स्रोत हैं. सेहरा के मुताबिक इस बार बजट में इन दोनों के लिए सेक्शन 80सी से अलग एग्जेंप्शन लिमिट पर विचार कर सकती है.
होम लोन में राहत की उम्मीद में टैक्सपेयर्स
सेक्शन 80 सी के तहत सरकार होमल लोन को लेकर एग्जेंप्शन लिमिट को भी बढ़ाने का फैसला कर सकती है. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया जा सकता है. सरकार रीयल इस्टेट की मांग को बढ़ाने के लिए यह फैसला ले सकती है . सरकार यह भी कोशिश कर रही है कि इसकी प्रिंसिपल रिपेमेंट में एग्जेंप्शन वेतनभोगियों के लिए लिए एचआरए लिमिट्स के बराबर कर सकती है.
लोगों को उम्मीद मिलेगी टैक्स में राहत
आयकर देने वाले बजट में पर्सनल टैक्स को लेकर राहत की उम्मीद कर रहे हैं. टैक्स को लेकर फिक्की और ध्रुव एडवाइजर्स द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में 40 फीसद लोग टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहे है. इसके अलावा इस सर्वे में 47 फीसद लोगों ने प्रत्यक्ष करों के स्लैब में बढ़ावे की फी मांग की है. इसमें लोगों ने यह भी बताया है कि मौजूदा टैक्स स्लैब में उन्हें किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस सर्वे में 52 फीसद लोगों को रिफंड मिलने में समस्या होती है.
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