बजट 2023-24: पिछले 4 सालों में कैसा रहा आम बजट, जानिए 2023 में क्या है वित्त मंत्री से उम्मीद
इस बार के बजट में उम्मीद की जा रही है कि इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है. देश में 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स है. ऐसे में सरकार उन्हें खुश करने के लिए छूट का दायरा बढ़ा सकती है. बता दें, साल 2014 में टैक्स पर छूट की ढाई लाख की गई थी. ऐसे में इस बार इसे 5 लाख तक किया जा सकता है.
बजट 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कर रही है. वित्त मंत्री के रूप में आज उनका पांचवा बजट है. इससे पहले वो चार बार बजट पेश कर चुकी है. पूरे देश की नजर आज के बजट पर टिकी है. कोरोना महामारी के बाद देश पटरी पर आने की राह तलाश रहा है. ऐसे में लोगों को इस बार के वित्त मंत्री के बजट से काफी उम्मीदें हैं. इसके अलावा लोकसभा चुनाव के साथ-साथ नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस कारण भी उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस बार लोकलुभावन बजट पेश करेंगी.
इस बार के बजट में उम्मीद की जा रही है कि इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है. देश में 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स है. ऐसे में सरकार उन्हें खुश करने के लिए छूट का दायरा बढ़ा सकती है. बता दें, साल 2014 में टैक्स पर छूट की ढाई लाख की गई थी. ऐसे में इस बार इसे 5 लाख तक किया जा सकता है. सरकार के इस फैसले से आम आदमी को काफी राहत मिलेगी.
क्या घटेगा टैक्स रेट: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार टैक्स कटौती वाला बजट पेश कर सकती है. कोरोना के बाद से लोगों की पस्त हालत और महंगाई से त्रस्त जनता की मांग पर इस बार के बजट से उम्मीद की जा रही है कि 30 फीसदी के टैक्स रेट को घटाकर 25 फीसदी तक किया जा सकता है. वहीं टैक्स की लिमिट 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किए जाने की भी उम्मीद की जा रही है.
एजुकेशन बजट: बीते चार सालों में एजुकेशन बजट की बात की जाए तो वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 93,847 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कौशल विकास के क्षेत्र पर सरकार ने ज्यादा फोकस किया था. साल 2021-22 के बजट में एजुकेशन सेक्टर में 93,224 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं, साल 2022-23 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 1 लाख 4 हजार 277 करोड़ रुपये दिया गया था. इस बार के बजट से भी उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र में एक बार फिर ज्यादा फोकस करेगी.
रक्षा बजट: भारत सरकार अपने बजट का एक भारी भरकम हिस्सा रक्षा के क्षेत्र पर खर्च करती है. वित्त वर्ष 2022-23 के बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा के क्षेत्र में रिसर्च के लिए 25 फीसदी का इजाफा किया था. वित्त वर्ष 2021-22 के को रक्षा के लिए 2.33 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 2.39 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. रक्षा पेंशन बजट 1.19 लाख करोड़ रुपये रखा गया था. 2022 के बजट में कहा गया था कि कुल रक्षा खरीद बजट में से 68 फीसदी रकम को घरेलू बाजार से खरीदारी पर खर्च किया जाएगा.
महंगाई से मिलेगी राहत! : पूरे देश में महंगाई आसमान छू रहा है. बीते चार सालों में अकेले गैस सिलेंडर के भाव ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. मौजूदा समय में गैस के दाम 1100 रुपये से ज्यादा हो चुके हैं. ऐसे में इस बार के बजट से लोग राहत की आस लगाये बैठे हैं.
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