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Budget 2024: अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत, विनिवेश 50,000 से कम रखे जाने का अनुमान

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. इक्रा के अनुसार, केंद्र का पूंजी व्यय बजट अनुमान 10 लाख करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है.

Budget 2024: रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत और विनिवेश लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये से कम रखे जाने का अनुमान जताया है. राजकोषीय घाटा कुल राजस्व और व्यय के बीच अंतर को पाटने के लिए सरकार की उधारी को दर्शाता है. इसके चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जो बीते वर्ष एक फरवरी को पेश बजट में 5.9 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा अधिक है. इक्रा ने 2024-25 के अंतरिम बजट को लेकर उम्मीद पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि हालांकि प्रत्यक्ष कर और केंद्रीय जीएसटी संग्रह संग्रह 2023-24 के बजट अनुमान से क्रमश: एक लाख करोड़ रुपये और 10,000 करोड़ रुपये पार जाने का अनुमान है.

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एक फरवरी को आएगा अंतरिम बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. इक्रा के अनुसार, केंद्र का पूंजी व्यय बजट अनुमान 10 लाख करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है. हालांकि, इसके बावजूद यह सालाना आधार पर 26 प्रतिशत अधिक होगा. हालांकि, यह वृद्धि दर बजट में जताये गये पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 35.9 प्रतिशत के अनुमान से कम है.

अधिक हो सकता है जीडीपी

पूंजीगत व्यय 73,200 करोड़ रुपये प्रति महीना रहा. यह 10 लाख करोड़ रुपये के बजटीय लक्ष्य के हिसाब से 83,400 करोड़ रुपये औसत मासिक व्यय से कम है. विनिवेश लक्ष्य के बारे में इक्रा ने कहा कि बाजार में सौदों के लिहाज से जारी अनिश्चितताओं को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 50,000 करोड़ रुपये से कम का लक्ष्य उपयुक्त लगता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कुछ बड़ी कंपनियों के विनिवेश में देरी को देखते हुए 50,000 करोड़ रुपये से कम का विनिवेश लक्ष्य उपयुक्त जान पड़ता है.

विनिवेश में मिले दस हजार करोड़

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अबतक 10,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं. यह पूरे वित्त वर्ष के लिए तय लक्ष्य 51,000 करोड़ रुपये से कहीं कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से संभवत: बजटीय लक्ष्य 17.9 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से ऊपर नहीं जाएगा. लेकिन जीडीपी के प्रतिशत के रूप में यह कुछ अधिक छह प्रतिशत हो सकता है. इसका कारण बाजार मूल्य पर जीडीपी है जिसके बजट अनुमान से कम रहने की संभावना है. इक्रा के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत रखे जाने का अनुमान है. जबकि 2025-26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत रखा जा सकता है.

(भाषा इनपुट)

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