Budget 2024: अधिक यथार्थवादी दिख रहे हैं राजकोषीय आंकड़े, बजट को लेकर अर्थशास्त्रियों ने दी यह राय
Budget 2024: अर्थशास्त्रियों ने अंतरिम बजट 2024-25 में कम राजकोषीय अनुमानों को लेकर कहा है कि इन्हें हासिल किया जा सकता है. देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है.
Budget 2024: विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने अंतरिम बजट 2024-25 में कम राजकोषीय अनुमानों की सराहना करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि सरकार चुनावी साल में भी राजकोषीय समेकन को लेकर गंभीर है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये अनुमान यथार्थवादी दिख रहे हैं और इन्हें हासिल किया जा सकता है. इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा कि अंतरिम बजट में मुख्य रूप से दो क्षेत्रों- राजकोषीय सुदृढ़ीकरण और कृषि/ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान दिया गया है.उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि के विभिन्न लाभों को सभी तक पहुंचाना चाहती है, जो फिलहाल कुछ हद तक उच्च आय वर्ग वाले शहरी परिवारों के पक्ष में है.
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार गंभीर- पंत
देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है. इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि पूंजीगत व्यय अपेक्षा से अधिक है, जिससे पता चलता है कि व्यय की गुणवत्ता पहले की तुलना में बेहतर रहने वाली है. उन्होंने कहा कि तेज राजकोषीय समेकन और उधारी में गिरावट से आने वाले वर्ष में सरकारी प्रतिभूतियों के प्रतिफल को और कम करने में मदद मिलेगी.
बजट में समावेशी वृद्धि को दिया गया बढ़ावा
केपीएमजी इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) येज्दी नागपुरवाला ने कहा कि अंतरिम बजट अल्पकालिक राजनीतिक मजबूरियों से प्रभावित नहीं है और इसमें सुनिश्चित किया गया है कि राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रहे.उन्होंने कहा कि बजट में गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों, बुनियादी ढांचे के विकास और राजकोषीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करते हुए न्यायसंगत और समावेशी वृद्धि को बढ़ावा दिया गया है.
पॉलिसीबाजार के संयुक्त समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सरबवीर सिंह ने कहा कि अंतरिम बजट 2024-25 की योजनाएं भारत को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. महिलाओं, वंचितों, किसानों और युवाओं के कल्याण और उत्थान पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के विकास के लिए एक स्पष्ट खाका पेश किया गया है. ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को अपनाना हमें वैश्विक डिजिटल क्षेत्र में अग्रणी बनाता है.जीवन बीमा कंपनी अवीवा इंडिया के मुख्य निवेश अधिकारी अखिलेश गुप्ता ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटे में अप्रत्याशित कमी (5.1 प्रतिशत) वास्तव में सकारात्मक है.
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