Budget 2024: उम्मीदों पर खरा उतरेगा अंतरिम बजट? वित्त मंत्री द्वारा पिछली बार की गई 5 आयकर से जुड़ी घोषणाएं
Budget 2024: लोकसभा चुनाव से पहले आने वाले इस अंतिरम बजट को लेकर लोगों में काफी उत्साह और अपेक्षाएं हैं. मध्यवर्ग एक बार फिर से टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है.
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के द्वारा कुछ ही हफ्तों में बजट पेश किया जाने वाला है. लोकसभा चुनाव से पहले आने वाले इस अंतिरम बजट को लेकर लोगों में काफी उत्साह और अपेक्षाएं हैं. मध्यवर्ग एक बार फिर से टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद है. साथ ही, होम लोन के ब्याज भुगतान पर मिलने वाला छूट भी बढ़ने की संभावना है.
Budget 2024: वित्त मंत्री के द्वारा केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया जाने वाला है. इससे पहले हम आपको केंद्रीय बजट 2023 में आयकर से जुड़ी क्या-क्या घोषणाएं हुईं थी वो बता रहे हैं.
नये टैक्स स्लैब की घोषणा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 2023 के बजट भाषण में घोषणा की गयी कि नई व्यक्तिगत कर व्यवस्था के तहत, आय स्लैब को छह से घटाकर पांच कर दिया गया है. वहीं मिडिल क्लास लोगों को फोकस करते हुए, सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत मूल कर छूट सीमा को भी 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है.
नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट कर व्यवस्था के रूप में: निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि नई कर व्यवस्था अब डिफॉल्ट कर व्यवस्था होगी. नई कर व्यवस्था 2020 में पेश की गई थी.
छूट में बदलाव: 5 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं के तहत कोई आयकर नहीं देना होगा. बजट में नई कर व्यवस्था में सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है. आसान शब्दों में कहें तो 7 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होता है.
वेतनभोगी वर्ग और पेंशनभोगियों के लिये: वेतनभोगी, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए, वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था के तहत एक मानक कटौती शुरू की है. पुरानी कर व्यवस्था पहले से ही वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती प्रदान करती है. छूट के साथ, 7.5 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को नई कर व्यवस्था के तहत कोई कर नहीं देना होगा.
लीव इनकैशमेंट: सरकार ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर लीव इनकैशमेंट पर कर छूट की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. 3 लाख रुपये की सीमा आखिरी बार 2002 में अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के दौरान तय की गई थी.
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