‍Budget 2024: निर्मला सीतारमण आजादी के बाद देश का 15वां अंतरिम बजट करेंगी पेश, इन 10 बिंदुओं पर होगी सबकी नजर

Budget 2024: वित्त मंत्री ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में अंतरिम बजट में कोई ‘बड़ी घोषणा’ से इनकार किया था. फिर भी, लोगों को उम्मीद है कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है.

By Madhuresh Narayan | January 28, 2024 3:15 AM
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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (‍Nirmala Sitharaman) के द्वारा बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है. संसद में ये बजट, नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा. बजट की तैयारी में शामिल अधिकारी अब अंतिम बजट दस्तावेज के आसपास गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘लॉक-इन’ अवधि में हैं. एक फरवरी को लोकसभा में पेश होने के बाद ही वे सामने आएंगे. सरकार का ये बजट ‘अंतरिम‘ होगा क्योंकि सरकार को इस साल अप्रैल-मई में आम चुनाव का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद, चुनकर आने वाली सरकार के द्वारा पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में अंतरिम बजट में कोई ‘बड़ी घोषणा’ से इनकार किया था. उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले सिर्फ लेखानुदान होगा. संसद में पारित होने के बाद लेखानुदान से सरकार को अप्रैल-जुलाई अवधि के व्यय को पूरा करने के लिए देश की संचित निधि से राशि निकालने की अनुमति होगी. इसके बाद भी, आम और खास लोगों को इस बजट से काफी उम्मीद है. ऐसे में लोगों की नजर इन बिंदुओं पर होगी.

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बीजेपी का नारा ‘मोदी की गारंटी’

बजट में लोगों की नजर बीजेपी का नया नारा ‘मोदी की गारंटी’ पर होगा. इसका अर्थ है कि लोगों की उम्मीद है कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. स्वास्थ्य से लेकर कृषि और व्यापर तक को लेकर उम्मीद की जा रही है.

‘ज्ञान’ पर होगी कोई घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) को लगातार फोकस में रखा जा रहा है. पीएम की हर स्पीच में इन्हें लेकर बात की जाती है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि चुनाव पूर्व देश के सबसे बड़े तबके को बीजेपी की तरफ से कोई तोहफा दिया जा सकता है.

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धार्मिक पर्यटन

अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, हर रोज लाखों की संख्या में राम भक्त वहां पहुंच रहे हैं. इससे राज्य की इकोनॉमी को बड़ा फायदा हुआ है. ऐसे में केंद्र सरकार, अयोध्या और धार्मिक पर्यटन को लेकर कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है.

NDA का मिशन साउथ

भारत में अप्रैल से मई के बीच में लोकसभा चुनाव होना है. एनडीए की पकड़ हिंदी भाषी राज्यों में साउथ की अपेक्षा काफी अच्छी है. ऐसे में, समझा जा रहा है कि केंद्र सरकार दक्षिण भारत को चुनाव पूर्व साधने के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है.

रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगी सरकार की नजर

एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार, पावर, यूटिलिटीज और रिन्यूएबल्स को 1 फरवरी को और समर्थन मिलने की उम्मीद है. रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स सेक्टर की कंपनियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और ग्रामीण खर्च में बढ़ोतरी से एफएमसीजी और ऑटो को फायदा होने का अनुमान है.

तीसरे कार्यकाल का खाका होगा तैयार

केंद्र सरकार के द्वारा अंतरिम बजट पेश करने के बाद, उम्मीद की जा रही है कि एनडीए की सरकार फिर से देश में आएगी. ऐसे में, ये बजट मुख्य बजट और सरकार के अगले कार्यकाल का खाका तैयार करने में मदद करेगा.

अर्थव्यवस्था और नौकरी पर फोकस

सरकार की नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था सकारात्मक रूख से आगे बढ़ रही है. देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की तरफ आगे बढ़ रही है. हालांकि, इस बीच देश के सबसे बड़े तबके युवा वर्ग के लिए रोजगार का श्रृजन करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. वित्त मंत्री से उम्मीद रहेगी कि वह नई नौकरियों को लेकर कोई योजना पेश करेंगी.

NPS vs OPS

देश के कई राज्यों में न्यू पेंशन स्कीम को ठुकराकर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दिया है. इसके बाद, इसे लेकर बहस छिड़ गयी है. हालांकि, रिजर्व बैंके ने ओल्ड पेंशन से राज्यों के कोष पर पड़ने वाले असर के गंभीर परिमाण को लेकर आगाह किया है. मगर, अब ये चुनावी मुद्दा बन गया है.

महिला और किसान

केंद्रीय बजट में पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली राशि में भी संभावित वृद्धि होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, किसानों को मिलने वाली राशि में करीब 33 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. इसके साथ ही, कर में महिलाओं को मिलने वाली छूट को भी बढ़ाया जा सकता है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था

देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था घरेलू मांग का बड़ा हिस्सा है. इस हिस्से को अगर मजबूत किया जाए तो आने वाले सालों में अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिलेगी. इसे देखते हुए, केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना-मनरेगा के तहत धनराशि बढ़ाने को बढ़ा सकती है, साथ ही, ग्राणीण इलाकों में मिलने वाले अनुदान की राशि को भी बढ़ाया जा सकता है.

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