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Budget 2024: स्टार्टअप में पैसा लगाने वालों को सीतारमण का निर्मल तोहफा, एंजल टैक्स खत्म

Budget 2024: निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं.

By KumarVishwat Sen | July 23, 2024 1:50 PM
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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए आम बजट में स्टार्टअप में पैसा लगाने वालों को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने स्टार्टअप में निवेश करने वाले सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स समाप्त करने की घोषणा की है. अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की.

स्टार्टअप में निवेश करने पर नहीं देना होगा एंजल टैक्स

लोकसभा में अपना सातवां बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं. एंजल टैक्स को हटाने से स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनके लिए अधिक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

अनिश्चितता और विवादों को कम करने का प्रयास

निर्मला सीतारमण ने अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए दोबारा खोलने और पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर प्रावधानों को पूरी तरह सरल बनाने का भी प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि अगर छूटी हुई आमदनी 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो इसके बाद कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष के बाद दोबारा खोला जा सकेगा. यह समय कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक रहेगा.

निर्मला सीतारमण ने तलाशी की समयसीमा घटाई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यहां तक ​​कि तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा प्रस्तावित की गई है, जबकि फिलहाल 10 वर्ष की समय सीमा है. इससे कर-अनिश्चितता और विवादों में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत की कर दर लागू होगी, जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी जाएगी.

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