Economic Survey: चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर, जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी

Economic Survey: लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि 8.2 फीसदी रही है और चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी वृद्धि 6.5 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है.

By KumarVishwat Sen | July 22, 2024 2:29 PM
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Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 22 जुलाई 2024 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कई अहम बातें बताई गई हैं. इनमें सकल घरेलू उत्पाद (GDP), महंगाई, रोजगार दर और राजस्व घाटा के आंकड़े शामिल हैं. लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि 8.2 फीसदी रही है और चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान जीडीपी वृद्धि 6.5 से 7.0 फीसदी रहने का अनुमान है.

चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अनुमान लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6.5-7.0 फीसदी रहने का अनुमान है. आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अनश्चित आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू स्तर पर वृद्धि कारकों ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया है.

महंगाई के मोर्चे पर मिल सकती है राहत

आर्थिक सवेक्षण में कहा गया है कि दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और उसके प्रभाव से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति पर भी असर दिखाई देगा. देश में मानसून सामान्य रहने की उम्मीद और आयात कीमतों में नरमी से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. हालांकि, आरबीआई ने पहले ही महंगाई को लेकर अपना अनुमान जाहिर कर दिया है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की नीतियों ने चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना किया है और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मूल्य स्थिरता सुनिश्चित की.

वार्षिक दस्तावेज है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वे सरकार की ओर से केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है, जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जाती है. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग की ओर से आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है. इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. देश में पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी जब यह बजट दस्तावेजों का ही हिस्सा होती थी. इसे 1960 के दशक में बजट से अलग किया गया और बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद में प्रस्तुत किया जाने लगा. वित्त मंत्री सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी.

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