Union Budget: एक रुपये में सरकार के खजाने में 63 पैसे का आएगा टैक्स, जानिए बाकी के पैसों का हिसाब
Union Budget: बजट दस्तावेज में बताया गया है कि प्रत्येक एक रुपये में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से 63 पैसे, उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से 9 पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से पैसा आएगा.
Union Budget: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश कर दिया है. बजट में यह बताया गया कि सरकारी खजाने में आने वाले हर एक रुपये में सबसे बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का है. बजट दस्तावेजों में इसकी जानकारी दी गई कि प्रत्येक एक रुपये में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से 63 पैसे, उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से नौ पैसे और गैर-ऋण पूंजी का एक पैसा आएगा. कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष टैक्स से आएंगे, जिसमें कॉरपोरेट टैक्स और आयकर शामिल हैं. इनकम टैक्स से 19 पैसे मिलेंगे जबकि कॉरपोरेट टैक्स से सरकार के खाते में 17 पैसे आएंगे.
सरकार कहां से जुटाएगी कितना पैसा
अप्रत्यक्ष करों (Indirect Tax) में माल और सेवा कर (GST, जीएसटी) सरकार को मिलने वाले प्रत्येक एक रुपये में अधिकतम 18 पैसे का योगदान देगा. इसके अलावा सरकार उत्पाद शुल्क (Excise Duty) से पांच पैसे और सीमा शुल्क (Custom Duty) से चार पैसे कमाने की उम्मीद कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि सरकार उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे प्रति रुपये जुटाएगी.
कितनी खर्च करेगी सरकार
वहीं सरकार के खर्च की बात करें तो प्रत्येक रुपये में ब्याज भुगतान पर 19 पैसे और टैक्स तथा शुल्कों में राज्यों के हिस्से के लिए 21 पैसे जाएंगे. रक्षा के लिए सरकार ने एक रुपये में आठ पैसे हिस्सा तय किया है. वहीं, केंद्रीय योजनाओं पर सरकार एक रुपये में 16 पैसे खर्च करेगी. साथ ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए एक रुपये में आठ पैसे सरकार खर्च करेगी. इसके अलावा सब्सिडी पर छह पैसे और पेंशन पर चार पैसे सरकार खर्च करेगी. वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरण पर नौ पैसे व्यय तय किया गया है.
बजट में मध्यम वर्ग को टैक्स से राहत
बता दें, 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी है. साथ ही अगले पांच साल में रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के व्यय और नए गठबंधन सहयोगियों के राज्यों के लिए अधिक राशि का प्रावधान किया है. बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है साथ ही आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये रखे हैं.
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