Budget 2025 Expectations: क्या बीमा कंपनियों को मिलेगी बड़ी राहत ? बजट में कर छूट और सुधारों की मांग

Budget 2025 Expectations: बीमा कंपनियां कर छूट और सुधारों की उम्मीद कर रही हैं, जिससे उद्योग में सुधार हो और ग्राहकों को लाभ मिले. क्या मिलेगा बड़ा राहत?

By Abhishek Pandey | January 27, 2025 1:06 PM

Budget 2025 Expectations In EMI: भारत में बीमा उद्योग 2025-26 के केंद्रीय बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी, जिससे बीमा कंपनियों को कर लाभ और आर्थिक रियायतों की उम्मीद है. खासतौर पर बीमा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उद्योग के सामने कई चुनौतियां और अवसर मौजूद हैं.

बीमा क्षेत्र को कर लाभ की अपेक्षा

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ नवीन चंद्र झा ने ‘बीमा सुगम’ जैसे प्रयासों की जरूरत पर बल दिया है, जिससे बीमा क्षेत्र को 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सके. इसके साथ ही, पीबीफ़िनटेक के संयुक्त समूह सीईओ सरबवीर सिंह ने धारा 80सी और 80डी के तहत कर लाभ की सीमा बढ़ाने की बात कही. वर्तमान में 1.5 लाख रुपये की सीमा वित्तीय योजनाओं के लिए अपर्याप्त साबित हो रही है.

बजाज एलियांज लाइफ के एमडी तरुण चुघ ने सुझाव दिया कि जीवन बीमा उत्पादों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए. उन्होंने वार्षिकी उत्पादों पर कर संबंधी समस्याओं को हल करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

बीमा प्रवेश और जागरूकता की चुनौतियां

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में बीमा पैठ घटकर 3.7 प्रतिशत रह गई. जीवन बीमा पैठ 2.8 प्रतिशत और गैर-जीवन बीमा पैठ मात्र 1 प्रतिशत रही.

इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस के एमडी सुब्रत मंडल का मानना है कि सरकार को इस बजट के जरिए बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए. पीएनबी मेटलाइफ के एमडी समीर बंसल ने रिटायरमेंट योजनाओं को मजबूत करने और पेंशन योजनाओं के लिए प्रोत्साहन देने की उम्मीद जताई.

उद्योग की बढ़ती अपेक्षाएं

बीमा क्षेत्र को उम्मीद है कि बजट 2025 में ऐसे सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे जो वित्तीय नियोजन को सरल बनाएं और बीमा क्षेत्र को प्रोत्साहित करें. कर लाभ की सीमा में वृद्धि और नीतिगत बदलाव न केवल बीमा उत्पादों की मांग को बढ़ाएंगे बल्कि देश में वित्तीय सुरक्षा को भी मजबूत करेंगे.

बीमा कंपनियों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के लिए भी यह बजट महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. अब देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में क्या नई घोषणाएं करती हैं.

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