Budget 2025: एलसीडी-एलईडी हुई सस्ती, मरीजों का भी बोझ होगा कम, आम बजट में निर्मला सीतारमण का ऐलान
Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया. उन्होंने इस बार आम आदमी को राहत देते हुए भारत सरकार का खजाना खोल दिया है.
Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को अपने बजट भाषण में मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) को 20% से घटाकर 15% करने की घोषणा की. इसके साथ ही LCD, LED टीवी की सेल पर कस्टम ड्यूटी घटकर 2.5% होगी. लिथियम आयन बैट्री के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. इससे एलसीडी और एलईडी के दाम घटने की पूरी संभावना रहेगी. इसके साथ ही सरकार के इस कदम में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और मोबाइल की बैटरी भी सस्ती होगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी निर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत सामान (कैपिटल गुड्स) और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत सामान का प्रस्ताव रखा है. इस पहल के तहत लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे मोबाइल बैटरी उत्पादन की लागत घटेगी. इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि इससे नए स्मार्टफोन की कीमतें कम होंगी.
सरकार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने और टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा विकसित करके युवाओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह ढांचा प्रतिभा, बुनियादी ढांचे और उद्योग सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसके अतिरिक्त, एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से उच्च मूल्य वाले खराब होने वाले सामानों के लिए, सुव्यवस्थित कार्गो स्क्रीनिंग और सीमा शुल्क प्रोटोकॉल के साथ बढ़ाया जाएगा. पिछले एक दशक में सरकार की नीतियों में सुधार केंद्रीय रहे हैं.
इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि जलवायु अनुकूल विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्वच्छ तकनीक विनिर्माण को भी समर्थन देगा. फोकस सेगमेंट में सौर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर और नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइजर, पवन टर्बाइन, बहुत उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड-स्केल बैटरी शामिल होंगे.
स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार का बड़ा कदम
मरीजों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषणा की कि 36 जीवन रक्षक दवाओं को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी जाएगी. यह पहल एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल उपचारों की लागत को कम करना है, विशेष रूप से कैंसर रोगियों के लिए, जो लंबे समय से अधिक किफायती विकल्पों की वकालत करते रहे हैं. अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे; वित्त वर्ष 2025-26 में 200 सेंटर स्थापित किए जाएंगे.
वित्त मंत्री ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में भारत के सभी जिलों में कैंसर देखभाल केंद्र स्थापित करने के प्रावधानों की भी घोषणा की है. इस पहल का लक्ष्य पूरे देश में कैंसर रोगियों के लिए बेहतर उपचार और सहायता उपलब्ध कराना है, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में मौजूद गंभीर अंतर को पाटना है. यह घोषणा भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए की गई है। हालिया शोध के अनुसार, भारत में स्तन कैंसर के मामलों और उनके आर्थिक प्रभाव में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसके सालाना 5.6% की दर से बढ़ने का अनुमान है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर विशेष जोर दिया, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में. इन केंद्रों की स्थापना एक व्यापक रणनीति के तहत की जा रही है, ताकि कैंसर रोगियों को शहरी अस्पतालों तक लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता न पड़े और वे अपने ही क्षेत्र में समय पर उपचार और देखभाल प्राप्त कर सकें। इस पहल से कैंसर प्रभावित परिवारों पर आर्थिक और मानसिक बोझ को कम करने की उम्मीद है, जिससे उन्हें आवश्यक चिकित्सा सेवाओं तक स्थानीय स्तर पर पहुंच मिल सके.
सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाने और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की सरकार की निरंतर कोशिशों का हिस्सा है। कैंसर देखभाल सुविधाओं की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शीघ्र निदान और उपचार की सुविधा प्रदान करना है, जिससे जीवित रहने की दर को बेहतर बनाया जा सके. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र (NCDIR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में होंठ और मुंह के कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए गए हैं, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम है. देशभर में कैंसर रोगियों की जरूरतों को पूरा करने और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के व्यापक दृष्टिकोण के तहत स्थापित किए जा रहे ये डे-केयर सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
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