Budget 2025: रक्षा पर चीन से अधिक खर्च करता है भारत, अमेरिका से एक कदम पीछे
Budget 2025: रक्षा बजट में भारत ने चीन को पछाड़ा, लेकिन अमेरिका से अब भी पीछे. जानें भारत, चीन और अमेरिका के रक्षा खर्च का पूरा विश्लेषण और इसकी वैश्विक रणनीतिक अहमियत.
Budget 2025: रक्षा बजट किसी भी देश की सैन्य शक्ति, रणनीतिक प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को दर्शाता है. अमेरिका, चीन और भारत विश्व के तीन प्रमुख सैन्य शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और उनके रक्षा खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है. यह लेख पिछले पाँच वर्षों में इन तीन देशों के रक्षा बजट का तुलनात्मक अध्ययन करता है, जिसमें उनकी सैन्य नीतियों, खर्च की प्रवृत्तियों और वैश्विक सुरक्षा पर उनके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है.
अमेरिका का रक्षा बजट
अमेरिका दशकों से दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश बना हुआ है. इसका रक्षा बजट अन्य किसी भी देश की तुलना में कहीं अधिक है, जिससे यह अपनी वैश्विक सैन्य उपस्थिति बनाए रखता है.
पिछले 5 वर्षों में अमेरिका का रक्षा बजट
वर्ष | रक्षा बजट (अरब डॉलर में) | वैश्विक रक्षा खर्च में हिस्सा (%) |
2019 | 732 | 38% |
2020 | 778 | 39% |
2021 | 801 | 39% |
2022 | 842 | 39% |
2023 | 877 | 39% |
मुख्य विशेषताएँ
- अमेरिका अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3.5% – 4% रक्षा पर खर्च करता है.
- इस बजट का बड़ा हिस्सा नवीनतम हथियार प्रणाली, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष सैन्य कार्यक्रम, और रणनीतिक सैन्य ठिकानों के रखरखाव में जाता है.
- अमेरिका के सैन्य खर्च में NATO सहयोगियों और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उपस्थिति बनाए रखने के लिए भारी निवेश किया जाता है.
- 2023 में, अमेरिका का रक्षा बजट दुनिया के अगले नौ सबसे बड़े रक्षा बजट वाले देशों के संयुक्त खर्च से भी अधिक था.
चीन का रक्षा बजट
चीन लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है और अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट रखता है.
पिछले 5 वर्षों में चीन का रक्षा बजट
वर्ष | रक्षा बजट (अरब डॉलर में) | वैश्विक रक्षा खर्च में हिस्सा (%) |
2019 | 261 | 14% |
2020 | 252 | 13% |
2021 | 293 | 14% |
2022 | 230 | 12% |
2023 | 296 | 13% |
मुख्य विशेषताएँ
- चीन अपने GDP का लगभग 1.7% – 2% रक्षा पर खर्च करता है.
- इसका रक्षा खर्च समुद्री शक्ति (Navy), हाइपरसोनिक मिसाइलों, साइबर युद्ध और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित हथियार प्रणालियों के विकास पर केंद्रित है.
- चीन ने दक्षिण चीन सागर और ताइवान के आसपास सैन्य विस्तार के लिए अपने रक्षा बजट में निरंतर वृद्धि की है.
- चीन का सैन्य खर्च अमेरिका से काफी कम है, लेकिन उसका ध्यान आधुनिक प्रौद्योगिकी और स्वदेशी सैन्य उत्पादन पर अधिक है.
भारत का रक्षा बजट
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट रखने वाला देश है और इसकी सुरक्षा रणनीति मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न खतरों पर केंद्रित है.
पिछले 5 वर्षों में भारत का रक्षा बजट
वर्ष | रक्षा बजट (अरब डॉलर में) | वैश्विक रक्षा खर्च में हिस्सा (%) |
2019 | 71.1 | 3.7% |
2020 | 72.9 | 3.7% |
2021 | 76.6 | 3.8% |
2022 | 83.6 | 4.1% |
2023 | 78 | 4% |
मुख्य विशेषताएँ
- भारत अपने GDP का लगभग 2% – 2.5% रक्षा पर खर्च करता है.
- भारत का रक्षा बजट मुख्य रूप से थल सेना (Army), वायु सेना (Air Force), और नौसेना (Navy) के आधुनिकीकरण के लिए आवंटित किया जाता है.
- 2023 के बजट में स्वदेशी रक्षा उत्पादन और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया.
- भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते सैन्य तनाव (चीन के साथ LAC विवाद और पाकिस्तान के साथ LOC तनाव) को ध्यान में रखते हुए रक्षा बजट को बढ़ा रहा है.
तुलनात्मक विश्लेषण: अमेरिका, चीन और भारत
वर्ष | अमेरिका (अरब डॉलर) | चीन (अरब डॉलर) | भारत (अरब डॉलर) |
2019 | 732 | 261 | 71.1 |
2020 | 778 | 252 | 72.9 |
2021 | 801 | 293 | 76.6 |
2022 | 842 | 230 | 83.6 |
2023 | 877 | 296 | 78 |
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