Budget 2025:आगामी 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आम बजट पेश करेंगी. इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया से जुड़े कुछ रोचक और अहम पहलुओं को जानना जरूरी है. बजट के अंतिम चरण में, इसे तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारी लगभग 10 दिनों तक कड़ी सुरक्षा और गोपनीयता के बीच “लॉकडाउन” जैसी स्थिति में रहते हैं. इस दौरान उन्हें न फोन की अनुमति होती है, न ईमेल भेजने की. यहां तक कि बीमार पड़ने पर अस्पताल जाने की इजाजत भी नहीं होती. यह गोपनीयता दर्शाती है कि बजट दस्तावेज कितना संवेदनशील होता है.
‘नो इन-नो आउट’ की सख्ती
बजट की तैयारी और छपाई प्रक्रिया नॉर्थ ब्लॉक के अंदर कड़ी सुरक्षा के बीच होती है. इस दौरान बाहरी व्यक्तियों और मीडिया का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाता है. वित्त मंत्रालय के कार्यालय में कोई भी निजी ईमेल या बाहरी संपर्क की अनुमति नहीं होती. प्रवेश और निकास द्वार पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात रहते हैं, जो आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखते हैं.
10 दिनों तक दुनिया से कटे रहते हैं अधिकारी
बजट तैयार करने में शामिल अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने से 10 दिन पहले बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाते हैं. इन दिनों में वे न अपने घरवालों से संपर्क कर सकते हैं, न ही व्यक्तिगत कार्य कर सकते हैं. केवल कुछ वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति दी जाती है. बाकी लोग मंत्रालय के भीतर रहते हैं, जहां हर तरफ सीसीटीवी की निगरानी होती है. यह समय लगभग 14,400 मिनट की कैद जैसा महसूस होता है.
बीमार होने पर भी बाहर जाने की अनुमति नहीं
बजट की सुरक्षा को देखते हुए, इन 10 दिनों के दौरान किसी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे अस्पताल जाने की अनुमति नहीं होती. नॉर्थ ब्लॉक के भीतर डॉक्टरों की एक टीम हमेशा तैनात रहती है, जो किसी भी स्वास्थ्य समस्या का तत्काल समाधान करती है.
मोबाइल और अन्य संचार उपकरणों पर प्रतिबंध
बजट तैयार करने वाले कर्मचारियों को मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं होती. आपात स्थिति में एक लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह केवल इनकमिंग कॉल तक सीमित होता है. इंटेलिजेंस विभाग का एक अधिकारी कॉल सुनने के लिए हमेशा मौजूद रहता है.
सुरक्षा और गोपनीयता की चाक-चौबंद व्यवस्था
इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस के अधिकारी बजट के दौरान हर गतिविधि पर नजर रखते हैं. कर्मचारियों को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा जाता है. यदि किसी कर्मचारी को आपात स्थिति में गुप्त कमरे से बाहर जाना पड़ता है, तो उसके साथ सुरक्षा कर्मी हमेशा मौजूद रहते हैं. यहां तक कि खाने की जांच भी गहराई से की जाती है. यह पूरी प्रक्रिया बजट दस्तावेज की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े इस अहम दस्तावेज को लीक होने से बचाया जा सके.
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