Budget 2025 LPG subsidy: तेल कंपनियों को 35,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी दे सकती है सरकार

Budget 2025 LPG subsidy: तीन ईंधन खुदरा विक्रेता कंपनियों ने कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद मार्च, 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर बरकरार रखा है. इससे एलपीजी की बिक्री पर उन्हें नुकसान हुआ है.

By KumarVishwat Sen | January 9, 2025 5:15 PM

Budget 2025 LPG subsidy: एक फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संसद में पेश होने वाले सालाना बजट में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को 35,000 करोड़ रुपये की रसोई गैस यानी एलपीजी सब्सिडी दे सकती है. इन कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) शामिल हैं. यह सब्सिडी इस वित्त वर्ष में ईंधन बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिए जाने की संभावना है.

मार्च 2024 से एलपीजी की कीमतों में बदलाव नहीं

तीन ईंधन खुदरा विक्रेता कंपनियों ने कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद मार्च, 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर बरकरार रखा है. इससे एलपीजी की बिक्री पर उन्हें नुकसान हुआ है और अप्रैल-सितंबर (चालू 2024-25 वित्त वर्ष की पहली छमाही) में उनकी कमाई में कमी आई है.

आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को 10,000 करोड़ रुपये

मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में उद्योग के लिए एलपीजी बिक्री पर कुल ‘अंडर-रिकवरी’ यानी नुकसान लगभग 40,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसके एवज में सरकार दो वित्त वर्षों के लिए कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये उपलब्ध करा सकती है. उन्होंने कहा कि आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये और शेष 25,000 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में मिलने की संभावना है. सब्सिडी का प्रावधान 2025-26 के केंद्रीय बजट में किए जाने की संभावना है.

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कंपनियों को प्रति सिलेंडर 240 रुपये का नुकसान

सूत्रों ने कहा कि कंपनियों को प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर लगभग 240 रुपये का नुकसान है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां परिवारों को इसे 803 रुपये की कीमत पर बेचती हैं. परिवारों को उच्च बाजार दर से राहत देने के लिए सरकार घरेलू एलपीजी के दाम नियंत्रित करती है. विनियमित कीमतें सऊदी सीपी (घरेलू एलपीजी की कीमत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मानक) से कम है. इसका कारण घरेलू एलपीजी उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है.

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कंपनियों को 40,500 करोड़ रुपये का नुकसान

सरकार समय-समय पर आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को इन नुकसानों की भरपाई करती रहती है. तीनों कंपनियों को क्षतिपूर्ति के लिए वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए 22,000 करोड़ रुपये दिए गए थे. हालांकि, यह 28,249 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले कम था. सूत्रों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में 40,500 करोड़ रुपये के कुल नुकसान में से आईओसी को 19,550 करोड़ रुपये, एचपीसीएल को 10,570 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 10,400 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

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