Budget 2025: निर्मला सीतारमण के बही-खाते से विद्यार्थियों का संवरेगा भविष्य, जानें क्या है उम्मीद

Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 भारत की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने और इसे विश्व स्तरीय बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर है. डिजिटल शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और कौशल विकास पर जोर देकर, सरकार युवाओं को एक मजबूत और कुशल कार्यबल में बदल सकती है. यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देगा.

By KumarVishwat Sen | January 18, 2025 4:13 PM
an image

Budget 2025: संसद में एक फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश होने वाले सालाना आम बजट में देश के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भी उम्मीदें बंधी हैं. हालांकि, सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए पिछले सालों में लगातार बजट बढ़ाया है. 2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से सबसे अधिक 73,498 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को दिए गए. इसके बावजूद, बजट में शिक्षा क्षेत्र को जीडीपी का केवल 4% रकम ही आवंटित की जाती है, जबकि अमेरिका, कनाडा, जापान और जर्मनी जैसे विकसित देश 4.8 से 5.5% तक खर्च करते हैं.

शिक्षा के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि हुई है. हालांकि, उभरते हुए रोजगार क्षेत्र और डिजिटल युग की मांगों को पूरा करने के लिए आवंटन को और बढ़ाने की आवश्यकता है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के लिए भी आवश्यक है.

बजट 2025 में विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक फोकस

एथेना एजुकेशन के सह-संस्थापक पोशक अग्रवाल ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. विशेष रूप से डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास में निवेश से भारत के शैक्षिक परिदृश्य को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी.”

डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश: ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल तकनीक और संसाधनों में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है. इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की डिजिटल खाई को कम किया जा सकता है.
शिक्षक प्रशिक्षण पर फोकस: शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करना आवश्यक है.

पेशेवर विकास कार्यशालाएं

  • एडवांस्ड प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
  • प्रौद्योगिकी और शिक्षण प्रथाओं का एकीकरण

कौशल विकास कार्यक्रम

नौकरी बाजार की जरूरतों के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करना अनिवार्य है. उद्योग आधारित प्रशिक्षण से युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्य

टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप के मुख्य रणनीति अधिकारी सुमित कुमार का मानना है कि बजट 2025 को एनईपी 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए निवेश बढ़ाना जरूरी है.

इसे भी पढ़ें: Bihar Board Exam 2025: एडमिट कार्ड खोने पर भी छात्र दे सकेंगे परीक्षा, जानें कैसे

बजट में प्रस्तावित सुधार और निवेश

  • डिजिटल शिक्षा को अपनाने के लिए समर्पित धनराशि
  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे का अपग्रेडेशन
  • कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए नए कार्यक्रम
  • शिक्षक क्षमता निर्माण और उन्नत शिक्षण उपकरणों का वितरण

इसे भी पढ़ें: सैफ अली खान ने बीमा कंपनी से 36 लाख रुपये का दावा किया, 25 लाख रुपये की स्वीकृति मिली

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version