Budget Suggestion: उद्योग दिग्गज सीपी गुरनानी ने कौशल विकास और कम्यूटिंग इन्फ्रास्टक्चर आवंटन बढ़ाने का दिया सुझाव

Budget Suggestion: बजट 2025-26 में कौशल विकास और कंप्यूटिंग अवसंरचना के लिए पर्याप्त आवंटन भारत के तकनीकी विकास और निर्यात क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा. सीपी गुरनानी जैसे अनुभवी उद्योगपति के सुझाव इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

By KumarVishwat Sen | January 27, 2025 7:39 PM
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Budget Suggestion: टेक महिंद्रा के पूर्व सीईओ और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज सीपी गुरनानी ने आगामी बजट 2025-26 में कौशल विकास पहल और कंप्यूटिंग इन्फ्रास्टक्चर के लिए अधिक वित्तीय आवंटन की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने सरकार से अपील की कि देश की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 250 अरब डॉलर के निर्यात को मजबूत करने के लिए यह कदम आवश्यक है.

भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए कौशल विकास जरूरी

गुरनानी ने कहा कि भारत का तकनीकी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसे बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए कौशल विकास में निवेश करना अनिवार्य है. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को शिक्षाविदों और स्कूलों को कौशल विकास कार्यक्रमों में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमारे पास टैलेंट है, लेकिन इसे सही दिशा देने और तकनीकी कौशल बढ़ाने के लिए सरकार के सहयोग की जरूरत है.”

कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का महत्व

गुरनानी ने कंप्यूटिंग अवसंरचना में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसमें कंप्यूटर, सर्वर, स्टोरेज सिस्टम, ऑपरेटिंग सिस्टम, डेटाबेस और ईआरपी प्रणाली शामिल हैं. उन्होंने कहा “अधिक वितरित और लागत प्रभावी कंप्यूटिंग अवसंरचना तकनीकी क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.”

भारत के तकनीकी क्षेत्र में एआई और इनोवेशन की भूमिका

हाल ही में अपना एआई उद्यम एलोन ओएस लॉन्च करने वाले गुरनानी ने तकनीकी क्षेत्र में नवाचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि सरकार को उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचारों का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने भरोसा जताया कि नरेन्द्र मोदी सरकार इन सुझावों पर विचार करेगी और बजट में तकनीकी क्षेत्र को मजबूत करने वाले प्रावधान शामिल करेगी.

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क्यों अहम हैं सीपी गुरनानी के सुझाव

  • कौशल विकास: भारत को अपनी तकनीकी श्रमशक्ति को अपस्किल करने की जरूरत है.
  • कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: तकनीकी कार्यों की दक्षता और निरंतरता के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा आवश्यक है.
  • इनोवेशन का समर्थन: एआई और डिजिटल तकनीकों में निवेश से भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखा जा सकता है.

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