Budget Suggestion: जिंदल स्टेनलेस ने मॉलिब्डेनम पर आयात शुल्क जीरो करने की मांग की
Budget Suggestion: जिंदल स्टेनलेस की आम बजट 2025-26 में की गई मांगें भारत के स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं. मॉलिब्डेनम अयस्क और अन्य कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती से इस क्षेत्र को नई गति मिल सकती है. सरकार से बुनियादी ढांचे में सुधार और सही नीतियों की उम्मीद की जा रही है.
Budget Suggestion: जिंदल स्टेनलेस ने आगामी आम बजट 2025-26 से पहले सरकार से महत्वपूर्ण कच्चे माल, विशेष रूप से मॉलिब्डेनम अयस्क पर आयात शुल्क को शून्य करने की मांग की है. यह कदम भारत में स्टेनलेस स्टील उद्योग के विकास को बढ़ावा देने और प्रमुख कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बताया गया है.
मॉलिब्डेनम अयस्क और स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए प्रस्ताव
मॉलिब्डेनम अयस्क का इस्तेमाल स्टेनलेस स्टील और अन्य मजबूत धातुओं को बनाने में किया जाता है. वर्तमान में इस पर 5% सीमा शुल्क लगता है, जिससे उद्योग में लागत बढ़ने की संभावना है. जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने सरकार से मॉलिब्डेनम अयस्क पर आयात शुल्क शून्य करने और शुद्ध निकल, फेरो-निकल, स्टेनलेस स्टील कबाड़ और हल्के स्टील कबाड़ पर शून्य शुल्क जारी रखने का अनुरोध किया है. भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संघ के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति ने भी सरकार से लाइफ साइकिल लागत विश्लेषण को प्राथमिकता देने और मददगार नीतियों को लागू करने की अपील की है.
भारत में स्टेनलेस स्टील की बढ़ती मांग
जिंदल स्टेनलेस का मानना है कि स्टेनलेस स्टील के उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार को आधिकारिक बुनियादी ढांचे जैसे आंतरिक जलमार्ग, रेल अवसंरचना और तटीय पोत परिवहन के विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए. जिंदल ने कहा कि यह कदम उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाएगा और वैश्विक स्तर पर भारत को एक प्रमुख स्टेनलेस स्टील निर्माता के रूप में स्थापित करेगा.
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आवश्यक नीतिगत सुधार
जिंदल स्टेनलेस ने सुझाव दिया कि सभी गैर-मुक्त व्यापार समझौते वाले देशों के लिए स्टेनलेस स्टील उत्पादों पर मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाए. इस कदम से कच्चे माल की आपूर्ति में स्थिरता आएगी और स्टेनलेस स्टील क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी.
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