Aam Budget 2024 : बजट से कम होगा राजस्व घाटा और आर्थिक सुधार को मिलेगा बढ़ावा, जानें क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश किया और इस पर विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय साझा की. आइए जानते हैं कि विशेषज्ञ इस बजट के बारे में क्या कहते हैं.
Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-24 के लिए पूर्ण बजट पेश कर दिया है. सरकार के इस बजट से कई वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचेगा, तो कई लोगों को निराशा मिली है. इस बजट पर लोग अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर कर रहे हैं. देश के अर्थशास्त्रियों इस बजट को अपने-अपने नजरिये से देख रहे हैं. कुछ अर्थशास्त्रियों ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. आइए, जानते हैं कि सरकार के पूर्ण बजट पर अर्थशास्त्रियों की राय क्या है?
राजस्व घाटा कम करके आर्थिक सुधार करने पर जोर
झारखंड में कोयला नगरी के नाम से प्रसिद्ध धनबाद के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट और अर्थशास्त्री अनिल मुकीम ने लोकसभा में पेश किए गए आम बजट की सराहना की है. उन्होंने बताया कि बजट का उद्देश्य राजस्व घाटे को 4.9% तक कम करके देश की आर्थिक वृद्धि में सुधार करना और राष्ट्रीय विकास के लिए पूंजी निवेश को बढ़ावा देना है. सरकार पूंजीगत लाभ पर कर और भविष्य के विकल्पों पर एसटीटी कर बढ़ाकर शेयर बाजार से राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इसका निवेशकों पर असर पड़ सकता है, लेकिन इसे अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी माना जा रहा है. सभी क्षेत्रों में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचा, रक्षा, रोजगार, शहरीकरण और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों के लिए धन आवंटित किया गया है.
MSME की सहायता सराहनीय
अनिल ने यह भी बताया कि देश के विकास के लिए MSME कितने महत्वपूर्ण हैं. वित्त मंत्री इस क्षेत्र की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 100 करोड़ तक का लोन देने की योजना बना रही हैं. यह एमएसएमई को आगे बढ़ने में मदद करेगी. इस कदम से मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को मदद मिलेगी और फंडिंग बढ़ेगी. एक और अच्छा विचार शहरों में भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण है, जिससे राजस्व संग्रह आसान हो जाएगा. आयकर और जीएसटी कानूनों में प्रस्तावित बदलाव, साथ ही नए आयकर स्लैब भी कम आय वाले लोगों के लिए मददगार होंगे.
बजट ने कर दिया शेयर मार्केट को उदास
आम बजट के बारे में बातचीत के ऊपर जाने-माने अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल ने बताया कि सरकार किस तरह विनिर्माण, रोजगार, कृषि, बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और डिजिटल वाणिज्य पर जोर दे रही है. उन्होंने बताया कि सीमा शुल्क में कटौती और प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने जैसे उपायों का उद्देश्य अधिक रोजगार सृजित करना और विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उन्होंने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना की भी सराहना की. लेकिन, पूंजीगत लाभ में वृद्धि के कारण शेयर बाजार बजट से बहुत खुश नहीं दिखा.
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