नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार 5वां बजट पेश कर दिया है. यह 2024 के आम चुनाव से पहले यह आखिरी पूर्ण बजट है. इसमें उन्होंने केवाईसी प्रक्रिया को आसान करने की घोषणा की है. इसके साथ ही, उन्होंने डिजीलॉकर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही है. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने एक आईटी पोर्टल स्थापित करने की बात कही है. वित्त मंत्री ने सीमा शुल्क में 13 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है. आवासीय क्षेत्र को लोन के लिए धारा 54 और धारा 54च के तहत छूट दिया गया है. ऑनलाइन के लिए टीडीएस में कटौती में कमी की गई है. नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक छूट दिया गया है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आयकर में आयकर- नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट दी गई. आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने 2020 में 2.5 लाख रुपये से शुरू होने वाले 6 आय स्लैब के साथ नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था की शुरुआत की. मैं स्लैब की संख्या को घटाकर 5 और कर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये करके इस शासन में कर संरचना को बदलने का प्रस्ताव करती हूं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय लक्ष्यों को कम किए बिना मध्यम वर्ग, वेतनभोगियों, सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में छूट देने के साथ सबको कुछ न कुछ देने का काम किया है. आइए, बजट में नए-पुराने टैक्स स्लैब से रू-ब-रू हो लें…
नई कर व्यवस्था में अधिभार दर की उच्चत दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया. नये कर ढांचे को ‘डिफॉल्ट’ यानी स्वत: कर विकल्प बनाने का प्रस्ताव किया गया है. नई कर व्यवस्था के तहत 15 लाख रुपये वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 1.5 लाख रुपये कर देना होगा, जो पहले 1.87 लाख रुपये था.
नई आयकर व्यवस्था को बजट 2021-22 में पेश किया गया था. इसके तहत बिना किसी कटौती के 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगाया जाएगा. हालांकि, यदि वार्षिक आय 7 लाख रुपये से अधिक है, तो किसी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई. तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा.
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सालाना 3,00,000 तक आय टैक्स फ्री
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सालाना 3,00,000-6,00,000 तक आय पर 5 फीसदी टैक्स
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सालाना 6,00,000-9,50,000 तक आय पर 10 फीसदी टैक्स
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सालाना 9,00,000-12,00,000 तक आय पर 15 फीसदी टैक्स
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सालाना 12,00,000-15,00,000 तक आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 15,00,000 से अधिक आय पर 30 फीसदी टैक्स
विशेषज्ञों की मानें, तो बजट प्रस्ताव के अनुसार, नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 3 लाख रुपये तक की आमदनी में किसी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
इसे ऐसे भी समझ सकते हैं…
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सालाना 0 से 3 लाख रुपये तक आमदनी टैक्स फ्री
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सालाना 3 से 6 लाख रुपये तक आमदनी पर 15,000 रुपये
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सालाना 6 से 9 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15,000+30,000=45,000 रुपये
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सालाना 9 से 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर 45,000+45,000 रुपये
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सालाना 15 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर 1.5 लाख+बाकी आय का 30 फीसदी
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पुरानी कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है. इसे पूर्ववत रखा गया है.
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सालाना 2,50,000 तक आय टैक्स फ्री
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सालाना 2,50,000-5,00,000 तक आय पर 5 फीसदी टैक्स
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सालाना 5,00,000-7,50,000 तक आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 7,50,000-10,00,000 तक आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 10,00,000-12,50,000 तक आय पर 30 फीसदी टैक्स
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सालाना 12,50,000-15,00,000 तक आय पर 30 फीसदी टैक्स
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सालाना 15,00,000 से अधिक आय पर 30 फीसदी टैक्स