नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने मुंबई-अहमदाबाद तीव्र गति रेल गलियारे के लिए 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण के वास्ते निविदाएं आमंत्रित की हैं. सुरंग का सात किलोमीटर हिस्सा समुद्र के नीचे से होकर गुजरेगा. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद गलियारे पर काम तेज हो गया है. सुरंग का निर्माण महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के बीच किया जाएगा.
NHSRCL ने अपने एक दस्तावेज में बताया कि टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और ‘न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ (एनएटीएम) का उपयोग करके सुरंग का निर्माण किया जाएगा. समुद्र के नीचे सात किलोमीटर लंबी सुरंग देश में समुद्र के नीचे बनने वाली पहली सुरंग होगी. एनएचएसआरसीएल के अनुसार, सुरंग सिंगल-ट्यूब ट्विन-ट्रैक वाली होगी जिसका व्यास 13.1 मीटर होगा. खंड पर सुरंग स्थान से सटे 37 स्थानों पर 39 उपकरण कक्षों का निर्माण शामिल होगा. तीन टीबीएम का उपयोग लगभग 16 किलोमीटर सुरंग के हिस्से को बनाने के लिए किया जाएगा और शेष पांच किलोमीटर का निर्माण एनएटीएम के माध्यम से किया जाएगा. यह सुरंग जमीन के नीचे लगभग 25 से 65 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण स्थल शिलफाटा के निकट पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा.
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निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 19 जनवरी, 2023 है. गौरतलब है कि एनएचएसआरसीएल ने पिछले साल नवंबर में परियोजना के लिए भूमिगत सुरंग निर्माण कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं. लेकिन इस साल अधिकारियों ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था. हालांकि रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि 2026 में गुजरात में 50 किलोमीटर के संक्षिप्त हिस्से पर बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल रन होगा.
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