‍Business Women: भारत की सबसे कम उम्र की उद्यमी बेटियां, जिनका लोहा मानते अदाणी-अंबानी

‍Business Women: पढ़ाई-लिखाई से लेकर उद्योग-व्यापार तक में महिलाओं का दबदबा बढ़ रहा है. आज के उद्योग जगत में कई ऐसी कम उम्र की लड़कियां है जिन्होंने अपने बिजनेस आईडिया से अदाणी अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों का ध्यान खींचा है.

By Madhuresh Narayan | March 8, 2024 3:04 PM
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Business Women: भारत की महिलाएं आज केवल चार दीवारी में बंद नहीं है. महिलाएं रोज नये मुकाम हासिल कर रही हैं. पढ़ाई-लिखाई से लेकर उद्योग-व्यापार तक में महिलाओं का दबदबा बढ़ रहा है. आज के उद्योग जगत में कई ऐसी कम उम्र की लड़कियां है जिन्होंने अपने बिजनेस आईडिया से अदाणी अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों का ध्यान खींचा है.

फाल्गुनी नायर.

फाल्गुनी नायर-नायका
सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर्स की लिस्ट में महिलाओं वाले सेक्शन में नायका की मालकिन फाल्गुनी नायर टॉप पर है. फोर्ब्स की सूची के अनुसार, उनकी संपत्ति 2.65 अरब डॉलर की है. उन्होंने कोटक महिंद्रा बैंक में कैपिटल इनवेस्टमेंट मैनेजिंग डायरेक्टर का पद छोड़कर साल 2012 में अपने कंपनी की शुरूआत की थी. केवल आठ साल में कंपनी ने यूनिकॉर्न का तमगा हासिल कर लिया.

गजल अलघ

मामाअर्थ- गजल अलघ
गजल अलघ ने केवल 35 वर्ष की आयु में मामाअर्थ नाम की बड़ी कंपनी खड़ी की है. उन्होंने कंपनी की शुरूआत केवल 25 लाख रुपये से की थी. आज कंपनी की नेट वैल्यू करीब 9800 करोड़ रुपये के आसपास है. गजल हरियाणा के गुड़गांव में पली-बढ़ीं. उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. उन्होंने पंजाब विवि और न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ आर्ट से पढ़ाई की है.

सौम्या सिंह राठौर

विन्जो- सौम्या सिंह राठौर
सौम्या सिंह राठौर ने गेमिंग की दुनिया में इतिहास रचते हुए विन्जो के नाम से कंपनी की शुरूआत 2018 में की थी. उनकी कुल संपत्ति करीब 520 करोड़ रुपये की बतायी जाती है. सौम्या अपनी कंपनी लॉच करने से पहले, टाइगर ग्लोबल बैक्ड हॉस्पिटैलिटी स्टार्टअप ZO Rooms & Zostel की फाउंडिंग टीम मेंबर भी रही हैं.

राजोशी घोष

हसुरा- राजोशी घोष
राजोशी घोष ने साल 2017 में हसुरा की स्थापना की. कोविड की परेशानी के बीच 2023 तक कंपनी का मार्केट कैप 8318 करोड़ रुपये का है. उन्होंने अपनी मेहनत से स्टॉर्ट अप को यूनिकॉर्न में बदला.

डॉ गरिमा साहनी

प्रिस्टेन केयर-डॉ गरिमा साहनी
डॉ गरिमा साहनी एक सफल मेडिकल एन्टरप्रिन्योर हैं. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर किराये पर एक अस्पताल लिया और वहां से प्रिस्टेन केयर की नीव डाली. आज उन्होंने 1,400 करोड़ का बिजनेस साम्राज्य खड़ा कर लिया है. केवल तीन साल में उन्होंने अपने स्टॉर्ट अप को यूनिकॉर्न बना दिया.

कनिका गुप्ता

स्क्वायर यार्ड- कनिका गुप्ता
कनिका गुप्ता ने अपने जिद्द और मेहनत के दम पर बड़ी सफलता हालिस की. उन्होंने 2014 में स्क्वायर यार्ड की स्थापना की. महिला के रियल स्टेट में आने को लेकर भ्रांतियों को भी उन्होंने तोड़ा और जल्द ही अपने स्टॉर्ट अप को एक बड़े कंपनी का रुप दिया.

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