ABG Shipyard Fraud Case वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एबीजी शिपयार्ड के 22,842 करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में सोमवार को बड़ा बयान दिया है. वित्त मंत्री ने इस मामले में पहली रिपोर्ट दर्ज करने में 5 साल का समय लगने का बचाव करते हुए कहा कि धोखाधड़ी का पता लगाने में लगने वाला समय सामान्य से कम ही है. उन्होंने कहा कि एबीजी शिपयार्ड को कर्ज संप्रग (UPA) शासन के दौरान दिया गया था. साथ ही खाता भी एनपीए (NPA) 2013 में ही बन गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी बैंकों ने कंपनी को बांटे गए कर्ज का पुनर्गठन मार्च 2014 में किया था. लेकिन, इसकी वसूली नहीं हो सकी. बता दें कि कांग्रेस ने एबीजी शिपयार्ड के 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले को लेकर केंद्र सरकार (Modi Government) पर निशाना साधते कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बताना चाहिए कि यह धोखाधड़ी कैसे हुई है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार इस पर चुप क्यों हैं. पार्टी ने इसे देश की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी (India Biggest Bank Fraud 2022) बताया है. एबीजी शिपयार्ड का घोटाला नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ किए गए 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले से भी बड़ा है.
वहीं, निर्मला सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस मामले में बैंकों को श्रेय मिलेगा. उन्होंने इस तरह की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए औसत से कम समय लिया. वित्त मंत्री ने कहा कि आमतौर पर बैंक इस तरह के मामलों को पकड़ने और उपयुक्त कार्रवाई का निर्णय करने में 52 से 54 माह का समय लेते हैं और उसके बाद आगे की कार्रवाई करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में बैंकों को श्रेय दूंगी. उन्होंने इस प्रकार की धोखाधड़ी का पता लगाने में औसत से कम समय लिया.
बता दें कि सीबीआई (CBI) ने देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Limited) और उसके पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल (Rishi Kamlesh Agarwal) सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की अगुआई में करीब दो दर्जन बैंकों के गठजोड़ के साथ धोखाधड़ी के लिए दर्ज किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा, मुझे अफसोस है कि इस प्रकार की बातें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का सबसे बड़ा घोटाला है. यह बिल्कुल गलत है. यह कर्ज 2013 से पहले दिया गया था और यह एनपीए 2013 में ही बना. उन्होंने कहा, वे शोर कर रहे हैं, लेकिन इस बात को नहीं देख रहे कि जिस समय यह हुआ, उस समय संप्रग की सरकार थी. हमने धोखाधड़ी का पता लगाने में कम समय लिया. अन्य बड़े मामलों की तरह इसमें भी कार्रवाई की जा रही है. सीतारमण ने कहा कि एनडीए (NDA) सरकार के कार्यकाल में बैंकों की सेहत सुधरी है और वे बाजार से धन जुटाने की स्थिति में हैं.
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