न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने सरकार से की मांग, पहली तिमाही का शुल्क माफ करें

लॉकडाउन और वित्तीय बाधाओं के कारण प्रसारकों को हो रही परेशानी के मद्देनजर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने सोमवार को सरकार से मांग की कि वह नीलामी विजेताओं के लिए ‘‘डीडी फ्री डिश'' पर स्लॉट की खातिर पहली तिमाही का शुल्क माफ कर दे.

By PankajKumar Pathak | April 13, 2020 6:49 PM

नयी दिल्ली : लॉकडाउन और वित्तीय बाधाओं के कारण प्रसारकों को हो रही परेशानी के मद्देनजर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने सोमवार को सरकार से मांग की कि वह नीलामी विजेताओं के लिए ‘‘डीडी फ्री डिश” पर स्लॉट की खातिर पहली तिमाही का शुल्क माफ कर दे.

Also Read: कोरोना का असर: बदले हालात, तो बदल दिया कारोबार

इसके साथ ही एनबीए ने मांग की कि वित्त वर्ष की अगली तिमाही में 50 प्रतिशत शुल्क ही वसूल करे. देश के करीब तीन करोड़ घरों में ‘डीडी फ्री डिश” लगा हुआ है और इसमें 80 चैनलों के लिए स्लॉट (स्थान) हैं.

इनमें से 26 स्लॉट दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों के लिए आरक्षित हैं. शेष 54 स्लॉट निजी चैनलों के लिए बोली के जरिए खुले हैं. एनबीए भारत में चौबीसों घंटे समाचार का प्रसारण करने वालों का संगठन है . 27 प्रसारक इसके सदस्य हैं और वे 77 चैनलों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र लिखकर कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लॉकडाउन के कारण, समाचार संकलन करने के खर्च में काफी वृद्धि हुई है. शर्मा ने कहा कि विज्ञापन एजेंसियों की ओर से ब्रॉडकास्टरों का भुगतान स्थगित करने और 60 दिनों की ‘क्रेडिट’ अवधि से अधिक समय दिए जाने का भारी दबाव है. इसके अलावा बिलों की वसूली भी काफी चुनौतीपूर्ण होती जा रही है.

साथ ही अगले 30-90 दिनों में आमदनी के लगभग शून्य या नगण्य रहने की भी चुनौती है. उन्होंने कहा कि संकट से निपटने के लिए एनबीए ने पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय का समर्थन मांगा था और प्रसार भारती को किए जाने वाले भुगतान के लिए समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था.

उन्होंने कहा कि ‘‘डीडी फ्री डिश” पर टीवी चैनलों के प्रसारण के लिए 44 वीं ई-नीलामी के सफल बोलीदाताओं को एक वैकल्पिक भुगतान योजना दी गई है जिसके तहत भुगतान अब 27 जून 2020 तक किया जाना है. शर्मा ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रसार भारती द्वारा सुझाई गई वैकल्पिक योजना आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है. ऐसे में अनुरोध है कि अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए, सभी नीलामी विजेताओं से कोई भुगतान नहीं लिया जाए और अगली तिमाही में शुल्क का केवल 50 प्रतिशत लिया जाए.

Next Article

Exit mobile version