केंद्रीय कोयला एवं खदान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों ने 2030 तक नए कारोबार में 2.5 लाख करोड़ रुपये तक की निवेश योजना बनाई है. उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित भारतीय निर्माण उपकरण विनिर्माता संघ (आईसीईएमए) के सत्र में केंद्रीय कोयला एवं खदान मंत्री ने कहा कि निवेश का उपयोग उनकी क्षमता और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों ने नवीकरणीय ऊर्जा (परियोजनाएं), स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों और नई खदान विकास परियोजनाओं जैसे नए व्यवसाय में 2030 तक 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है.
प्रल्हाद जोशी ने निर्माण और उपकरण उद्योग की कंपनियों से कहा कि वे अपनी-अपनी क्षमताएं भी बढ़ाएंगे. मंत्री ने कहा कि भारत ने 2023-24 तक एक अरब टन से अधिक कोयला उत्पादन करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और निर्माण एवं उपकरण उद्योग इस लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बताया कि जुलाई 2023 में उसका कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत बढ़कर 5.36 करोड़ टन हो गया. सीआईएल ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पिछले साल जुलाई में उसका कोयला उत्पादन 4.73 करोड़ टन था. कंपनी ने बताया कि अप्रैल-जुलाई 2023 के दौरान उसका उत्पादन बढ़कर 22.91 करोड़ टन हो गया, जो 2022 की इसी अवधि के 20.7 करोड़ टन की तुलना में 10.7 प्रतिशत अधिक है. सीआईएल ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 78 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है. कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 70.3 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारी सभी सहायक कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में अच्छी वृद्धि दर्ज की है. उन्होंने बताया कि सभी सहायक कंपनियों ने जुलाई 2023 तक अपने-अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है.
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