Business News: सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी पहली बार 33% से नीचे आई
Business News: राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 की बैठक को लेकर उद्योग जगत में काफी उत्साह है. जी-20 में शामिल नेताओं ने घोषणापत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से जांची गईं मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत दोहराई. घोषणापत्र के अनुसार, वैश्विक नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्रीय बैंक अपने संबंधित आदेशों के अनुरूप मूल्य स्थिरता हासिल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. वैश्विक आर्थिक वृद्धि अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे है और असमान बनी हुई है.
मुख्य बातें
Business News: राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 की बैठक को लेकर उद्योग जगत में काफी उत्साह है. जी-20 में शामिल नेताओं ने घोषणापत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से जांची गईं मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत दोहराई. घोषणापत्र के अनुसार, वैश्विक नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्रीय बैंक अपने संबंधित आदेशों के अनुरूप मूल्य स्थिरता हासिल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. वैश्विक आर्थिक वृद्धि अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे है और असमान बनी हुई है.
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लाइव अपडेट
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी पहली बार 33% से नीचे आई
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों का उद्योग के प्रीमियम में हिस्सा पहली बार एक-तिहाई से कम होकर 32.5 प्रतिशत रह गया है. साधारण बीमा परिषद के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में बड़ी निजी गैर-जीवन बीमा कंपनियों ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय एक प्रतिशत की गिरावट के साथ 34,203 करोड़ रुपये रह गई है. इसके चलते उनकी बाजार हिस्सेदारी 33.4 प्रतिशत से घटकर 32.5 प्रतिशत रह गई है. पिछले साल की समान अवधि में उनकी प्रीमियम आय 37,100 करोड़ रुपये थी. वहीं, स्वास्थ्य खंड में एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी भी दहाई के अंक में आते हुए 10.4 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 9.2 प्रतिशत थी.
वैश्विक सुस्ती पर बोइंग इंडिया का बड़ा बयान, भारतीय विमानन क्षेत्र की बुनियाद मजबूत
भारतीय विमानन क्षेत्र की वृद्धि के लिए बुनियाद मजबूत हैं. विमान विनिर्माता बोइंग ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि मांग को पूरा करने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना, ईंधन पर कर को सुसंगत बनाना और बुनियादी ढांचे में लगातार निवेश करना जरूरी है. बोइंग के पास भारतीय एयरलाइन कंपनियों से सैकड़ों विमानों के ऑर्डर हैं. उसने देश में पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर सहित विभिन्न निवेश की घोषणा की है. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि हमें भारत में कोई सुस्ती नहीं दिख रही है और हम एयरलाइंस के बीच बहुत अधिक लोड फैक्टर, मुनाफे की अत्यधिक उच्च दर, और विमानों की बेहद मजबूत मांग देख रहे हैं. हमने दुनिया में अबतक दिए गए कुछ सबसे बड़े ऑर्डर को यहां देखा है.
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आईएमईसी को बताया इतिहास में सबसे बड़ी सहयोगी परियोजना
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने महत्वाकांक्षी ‘भारत - पश्चिम एशिया - यूरोप आर्थिक गलियारे’ (IMEC) की घोषणा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह हमारे इतिहास की सहयोग की सबसे बड़ी परियोजना है, जो पश्चिम एशिया और इजराइल की तस्वीर बदल देगी तथा साथ ही पूरी दुनिया को प्रभावित करेगी. इस नए आर्थिक गलियारे को कई लोग चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के विकल्प के रूप में देख रहे हैं. इसकी शनिवार को अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने संयुक्त रूप से घोषणा की.
अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा, ईवी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी जरूरी
अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा है कि दीर्घावधि के अनुबंधों के लिए एक बेहतर तरीके से परिभाषित भुगतान सुरक्षा तंत्र देश में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा. हिंदुजा ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक परिवहन की स्वीकार्यता बढ़ाने में सब्सिडी का भी महत्व है. उन्होंने कहा कि तो मैं दो क्षेत्रों के बारे में कहूंगा - एक सब्सिडी या अन्य कोई लाभ है, जो सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दे सकती है. दूसरा, किसी प्रकार के भुगतान सुरक्षा तंत्र की जरूरत है. इससे उद्योग अधिक तेज रफ्तार से आगे बढ़ सकेगा. उनसे पूछा गया था कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. हिंदुजा ने कहा कि जब आप इन 10-12 साल के इन जीसीसी (सकल लागत अनुबंध) अनुबंधों को देखते हैं, तो मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) निश्चित रूप से कुछ सुरक्षा चाहते हैं. वे जानना चाहते हैं कि इतनी लंबी अवधि में भुगतान कैसे सुनिश्चित होगा.
जैव ईंधन गठबंधन से जी20 देशों के लिए तीन साल में 500 अरब डॉलर के पैदा होंगे अवसर
भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) का मानना है कि जैव ईंधन गठबंधन अगले तीन साल में जी20 देशों के लिए 500 अरब अमेरिकी डॉलर के अवसर पैदा कर सकता है. आईबीए ने कहा कि जैव ईंधन गठबंधन जी20 देशों के साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभ का सौदा साबित होगा. आईबीए के एक अध्ययन के अनुसार, जैव ईंधन गठबंधन जी20 देशों के लिए अगले तीन साल में 500 अरब डॉलर के अवसर पैदा कर सकता है. अध्ययन के निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत वर्तमान में नयी दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इसमें कहा गया है कि अन्य ऊर्जा विकल्पों की तुलना में जैव ईंधन उत्पादन में कम निवेश की जरूरत और कच्चे माल की सुगम उपलब्धता को देखते हुए कहा जा सकता है कि बायोगैस से 200 अरब डॉलर के अवसर पैदा हो सकते हैं.
मारुति सुजुकी के चेयरमैन भार्गव ने कहा, सरकार ने 9 साल में वाहन क्षेत्र के लिए उठाए कई कदम
केंद्र सरकार ने पिछले नौ साल के दौरान वाहन क्षेत्र के समक्ष आ रहे मुद्दों को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब उद्योग की जिम्मेदारी है कि वह उसी के अनुरूप पहल करे. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर सी भार्गव ने यह बात कही है. भार्गव ने कहा कि तेजी से बढ़ने और विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए भारतीय उद्योग को खुद को देखना होगा. उसे यह देखना होगा कि कुल दक्षता, उत्पादकता और लागत नियंत्रण में सुधार के लिए और क्या किया जा सकता है.
पिडीलाइट पर जीएसटी विभाग ने लगाया 2.64 लाख रुपये का जुर्माना
पिडीलाइट इंडस्ट्रीज पर माल एवं सेवा कर (GST) विभाग ने 2.64 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. चिपकाने वाले, वाटरप्रूफिंग समाधान और निर्माण रसायन बनाने वाली कंपनी ने शनिवार को बताया कि उसे अपीलीय स्तर पर अपने पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है. पिडीलाइट इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को बताया कि उसके आकलन के आधार पर संबंधित कानून और बाहरी वकील की कानूनी सलाह, जुर्माने को अपीलीय स्तर पर चुनौती देने के बाद उसे ‘उचित रूप से अनुकूल परिणाम की उम्मीद’ है. शेयर बाजार के दी जानकारी के मुताबिक, कंपनी को 30 अगस्त, 2023 को एक आदेश मिला है, जो कंपनी को सात सितंबर, 2023 को पुणे के पास खंड-3 में सहायक आयुक्त केंद्रीय कर के कार्यालय से प्राप्त हुआ था. इस आदेश में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के लागू प्रावधानों के तहत 2,64,844 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. यह आदेश सीआईपीवाई के लिए महाराष्ट्र राज्य में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की अस्वीकृति के संबंध में पारित किया गया है. सीआईपीवाई एक कंपनी थी, जिसका एक अप्रैल, 2022 को पिडीलाइट इंडस्ट्रीज में विलय हो गया है.
जी-20 नेताओं ने क्रिप्टो रिपोर्टिंग ढांचे के तेजी से कार्यान्वयन पर निर्णय लिया
जी-20 नेताओं ने नयी दिल्ली घोषणापत्र में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए रिपोर्टिंग ढांचे के तेजी से कार्यान्वयन पर निर्णय लेते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सदस्य देश 2027 तक ऐसी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर सूचना का आदान-प्रदान शुरू करना चाहते हैं. क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) या खाका को यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया जा रहा है कि कर चोरों द्वारा ऐसी गैर-वित्तीय संपत्तियों का उपयोग अपनी बेहिसाब संपत्ति को छुपाने के लिए नहीं किया जाए. सर्वसम्मति से पारित जी-20 नेताओं के नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) के अनुसार, हम सीएआरएफ के त्वरित कार्यान्वयन और सीआरएस में संशोधन का आह्वान करते हैं. हम ‘कर उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता और सूचना के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच’ से संबंधित अधिकार-क्षेत्रों द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान शुरू करने के लिए एक उचित और समन्वित समयसीमा चिह्नित करने के लिए कहते हैं.
ब्रिटेन के उप-उच्चायुक्त ने कहा, एफटीए पर वार्ता दोनों देशों के लिए अच्छी
जी-20 शिखर सम्मेलन के बीच और भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने के लिए उत्पत्ति के नियम, निवेश संधि और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जैसे लंबित मुद्दों पर ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त निक लो ने कहा कि चल रही वार्ता दोनों देशों के लाभ के लिए सामान्य हैं. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के आधिकारिक दौरे पर आए लो ने कहा कि वार्ता के दौरान आप 80 प्रतिशत सहमत हो सकते हैं और शेष 20 प्रतिशत में समय लगता है. उन्होंने कहा कि पूरे एफटीएस से दोनों देशों को अच्छा लाभ मिलना चाहिए और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने यही प्रतिबद्धता जताई है. ब्रिटिश अधिकारी ने कहा कि हम अपनी स्कॉच व्हिस्की को और सस्ते में बेचना चाहते हैं और बदले में भारत अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर ब्रिटेन को बेचना चाहता है. अंत में, विचार यह है कि आप उन चीज़ों का व्यापार करें जो दोनों देशों के उपभोक्ताओं के लिए बेहतर हैं.