IPO News इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में दांव लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी (SEBI) ने आईपीओ लेकर आने वाली घाटे वाली कंपनियों को कुछ जरूरी सलाह दी है. सलाह के अमल में आने पर निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकेगी. सेबी का कहना है कि घाटे वाली नए जमाने की कंपनियों के आईपीओ के डॉक्यूमेंट में इश्यू प्राइस से संबंधित अधिक खुलासे होने चाहिए.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) का कहना है कि घाटे वाली कंपनियों के अपने आईपीओ डॉक्यूमेंट में यह बताना चाहिए कि वे किन प्रमुख मापदंडों के आधार पर अपने इश्यू प्राइस (IPO Issue Price) तक पहुंची हैं या उसे तय किया है. सेबी ने एक कंसल्टेशन पेपर में कहा कि ऐसी कंपनियों को अपने वैल्यूएशन से जुड़े खुलासे भी करने चाहिए, जो आईपीओ में जारी किए गए नए शेयरों (Stock Market News) और पिछले 18 महीनों में अधिग्रहण किए गए शेयरों के आधार पर होना चाहिए.
सेबी (Securities and Exchange Board of India) का यह कदम पिछले कुछ महीनों में नई प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरफ से वित्त जुटाने के लिए आईपीओ लाने के संदर्भ में उठाया गया है. इनमें से कई प्रौद्योगिकी कंपनियों के पास निर्गम लाने से पहले के 3 वर्षों में परिचालन लाभ का कोई ट्रैक रिकॉर्ड भी नहीं रहा था. ऐसी कंपनियां अमूमन लंबे समय तक लाभ कमा पाने की स्थिति में नहीं पहुंच पाती हैं. इसकी वजह यह है कि न नफा न नुकसान की स्थिति में पहुंचने के पहले भी ये कंपनियां शुरुआती वर्षों में लाभ कमाने के बजाय अपने कारोबार के विस्तार पर जोर देती हैं.
सेबी ने घाटे में चल रहीं कंपनियों के आईपीओ से संबंधित खुलासा प्रावधानों के लिए यह परामर्श जारी करते हुए कहा है कि 5 मार्च तक इस बारे में टिप्पणियां एवं सुझाव भेजे जा सकते हैं.
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