डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन

अगर आप मात्र 10-10 हजार रुपये का निवेश अलग-अलग इन दोनों योजनाओं में करते हैं तो आपको न सिर्फ टैक्स छूट का फायदा मिलेगा, बल्कि मोटा ब्याज भी मिलेगा और आपका मूल धन भी बचा रहेगा.

By Rajeev Kumar | January 6, 2023 6:25 PM
undefined
डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन 6

अगर आपने टैक्स बचाने के लिए अब तक कोई निवेश नहीं किया है, तो आपके लिए बड़े फायदे की खबर है. यानी आपका टैक्स भी बच जाएगा और कमाई भी होगी. यह निवेश योजना Post office की है, जिसमें ब्याज बढ़ाया गया है.

डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन 7

Income Tax की धारा 80C के तहत ये निवेश योजना टैक्स छूट के दायरे में आती है. बता दें कि Post office ने National Saving Certificate (NSC) और Kisan Vikas Patra (KVP) के ब्याज में बढ़ोतरी की है. इससे इन योजनाओं में निवेश करने पर ज्यादा रकम मिलेगी.

डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन 8

आसान भाषा में कहें, तो अगर आप मात्र 10-10 हजार रुपये का निवेश अलग-अलग इन दोनों योजनाओं में करते हैं तो आपको न सिर्फ टैक्स छूट का फायदा मिलेगा, बल्कि मोटा ब्याज भी मिलेगा और आपका मूल धन भी बचा रहेगा. Post Office ने दोनों योजनाओं – Kisan Vikas Patra (KVP) और National Saving Certificate (NSC) के ब्याज दरों में दो बेसिस प्वॉइंट्स की बढ़ोतरी की है.

डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन 9

किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7 प्रतिशत से बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गई है. वहीं, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर मिलनेवाली ब्याज दर 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 7.0 प्रतिशत हो गई है. इनके अलावा, सुकन्या समद्धि योजना पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत और पब्लिक प्रोविडेंट स्कीम पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है. इन दोनों योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आपको बता दें कि ऊपर बतायी गई चारों योजनाओं में आईटी अधिनियम की धारा 80 सी (Section 80 C of IT Act ) कर छूट मिलती है.

डबल फायदे के साथ मोटा ब्याज भी कमाना चाहते हैं, तो ये दो स्कीम आपके लिए हैं बेहतरीन 10

आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 80सी कर बचत प्रदान करने वाले निवेश और व्यय को सूचीबद्ध करता है. इस खंड के तहत कर योग्य आय से 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है. यह लाभ केवल व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों पर लागू होता है. यह छूट कंपनी, कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप आदि को नहीं मिलती है. इस छूट के लिए आयकर रिटर्न को हर साल 31 जुलाई से पहले फाइल किया जा सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version