25 जून के बाद कच्चे जूट का स्टॉक नहीं रख पायेंगे बंगाल के व्यापारी, जानें पूरा मामला
आयुक्त कार्यालय ने कहा है कि जूट मिलों को छोड़कर कच्चे जूट का कोई भी स्टॉक व्यापारी नहीं रखेंगे.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 25 जून के बाद व्यापारी कच्चे जूट का स्टॉक नहीं रख पायेंगे. पश्चिम बंगाल में जूट आयुक्त कार्यालय ने यह आदेश जारी किया. आयुक्त कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि जूट मिलों को छोड़कर कच्चे जूट का कोई भी स्टॉक व्यापारी नहीं रखेंगे. राज्य सरकार द्वारा जमाखोरों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश के बाद यह आदेश दिया गया है.
राज्य सरकार ने जूट मिलों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुगम बनाने के लिए उक्त निर्देश दिये थे. कच्चे माल की कमी के कारण करीब 16 जूट मिलें बंद हो गयीं थीं, जिससे 50,000 कामगार बेरोजगार हो गये थे. राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मान्ना ने शुक्रवार को जूट आयुक्त को 10 जून तक जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाने को कहा था.
मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि लगभग पांच प्रतिशत फसल अभी भी विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों के पास है, जो अधिक कीमत के इंतजार में हैं. जूट आयुक्त के एक आदेश में कहा गया है कि सारे जूट को किसानों/बिचौलियों/विक्रेताओं द्वारा 10 जून से पहले अनुबंधित किया जाना चाहिए. 25 जून के बाद मिलों के बाहर किसी भी गोदाम में जूट पाये जाने पर कारावास सहित सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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कच्चे जूट की कीमतों में 95 फीसदी का उछाल
कोई भी मिल 25 जून से 20 जुलाई के बीच डिलीवरी नहीं लेंगी. जूट मिल के सूत्रों ने कहा कि यह देर से की गयी कार्रवाई है और इसका नतीजा निकलने की संभावना नहीं है. कच्चे जूट की कीमतें 9500 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गयीं हैं, जो सामान्य समय की तुलना में लगभग 95 प्रतिशत अधिक है.
उत्पादन में तेजी के लिए उठाया ये कदम
राज्य सरकार ने मांग को पूरा करने के लिए पर्यावरण अनुकूल इस खाद्यान्न पैकेजिंग सामग्री के उत्पादन में तेजी लाने के लिए पहले के 30 प्रतिशत के स्थान पर प्रत्येक जूट मिल में पाली में काम करने वाले श्रमिकों की अधिकतम संख्या 40 प्रतिशत करने की अनुमति दी है.
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Posted By: Mithilesh Jha
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