अक्षय तृतीया पर खूब खरीदें सोना मगर घर पर रखें कम, वर्ना पड़ जाएगा छापा

Akshaya Tritiya: देश में घर पर सोना रखने के लिए अलग-अलग प्रकार की श्रेणियां निर्धारित की गई है. सीमा से अधिक सोना रखने पर उसे आमदनी का सबूत देना पड़ता है.

By KumarVishwat Sen | May 7, 2024 4:42 PM

Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन घर में अक्षय निधि बनाए रखने के लिए इसकी खरीद करनी चाहिए. यह पीली धातु न केवल अक्षय निधि बरकरार रखता है, बल्कि आड़े वक्त में काम भी आता है. इसलिए घर में सोना रखना चाहिए. अक्षय तृतीया पर इसकी खरीद खूब करनी चाहिए, लेकिन घर पर कितनी मात्रा में सोना रखना चाहिए, यह जान लेना जरूरी है. नियमों की जानकारी के अभाव में घर पर सोने की मात्रा बढ़ जाने पर इनकम टैक्स पीछे पड़ जाएगा और छापेमारी का भी सामना करना पड़ सकता है. आइए, जानते हैं कि घर पर कितनी मात्रा में सोना रखने पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा? नियम क्या कहता है.

घर में कितना रख सकते हैं सोना

आयकर नियमों में सोना रखने की मात्रा निर्धारित की गई है. आयकर नियम कहता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने घर पर सोना रखता है, तो वह निर्धारित मात्रा में ही रखे. मात्रा बढ़ने पर उसे इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देनी होगी कि उसके पास सोना कितना है. आयकर नियमों के अनुसार, कोई विवाहित महिला अपने घर पर अधिक से अधिक 500 ग्राम ही सोना रख सकती है. वहीं, कोई अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष केवल 100 ग्राम सोना रख सकता है.

सीमा से अधिक सोना रखने पर होती है कार्रवाई

नियम कहता है कि अगर कोई विवाहित महिला अपने घर पर 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और 100 ग्राम सोना रखता है, तो उसे आमदनी का सबूत नहीं देना पड़ेगा. इस मात्रा में सोना रखना टैक्स के दायरे से बाहर है. वहीं, अगर कोई विवाहित महिला, अविवाहित महिला या पुरुष तय की गई मात्रा से अधिक सोना अपने घर पर रखता है, तो उसे सबसे पहले आमदनी का स्रोत बताना पड़ता है और फिर यह बताना पड़ता है कि उसके घर कितनी मात्रा में सोना है. ऐसा नहीं करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पहले पूछताछ करता है और फिर बाद में छापेमारी की कार्रवाई करके सोना जब्त कर लेता है. इनकम टैक्स के छापे के बाद अगर आमदनी के स्रोत का प्रूफ नहीं दे पाए, तो जेल की सजा भी हो सकती है.

लिमिट से अधिक सोना रखने पर देना होगा प्रूफ

देश में घर पर सोना रखने के लिए अलग-अलग प्रकार की श्रेणियां निर्धारित की गई है. सीमा से अधिक सोना रखने पर उसे आमदनी का सबूत देना पड़ता है. इनकम टैक्स विभाग को बताना होगा कि यह सोना कहां से आया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर यह साफ कर दिया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले सोना समेत उसके पास उपलब्ध सोने का वैध स्रोत है और वह इसका प्रमाण दे सकता है, तो नागरिक कितनी भी मात्रा में सोने के गहने या उसका बिस्कुट रख सकता है.

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इनकम टैक्स विभाग को कैसे देनी होती है जानकारी

अगर आप निर्धारित मात्रा से अधिक सोना अपने घर पर रखता है, तो उसे इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी. इनकम टैक्स रिटर्न में टैक्सेबल सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न में सोना के गहनों और उसकी वैल्यू का ब्योरा भरना होता है. इनकम टैक्स रिटर्न में गहनों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर इसका कारण बताना पड़ेगा.

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