Byju’s Crisis: बायजू के सीईओ की बढ़ी परेशानी, कंपनी के चार निवेशकों ने एनसीएलटी में दायर किया मुकदमा

Byju's Crisis: बायजू के चार निवेशकों ने उनके खिलाफ दमन, कुप्रबंधन का मुकदमा एनसीएलटी में दायर किया है. इसके साथ ही, उन्होंने बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2024 4:32 PM

Byju’s Crisis: बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju’s Founder Raveendran) की परेशानी कम होने का नाम नहीं रहे रही है. एक तरफ आज, शेयरधारकों के एक समूह ने रवींद्रन और उनके परिजनों को निदेशक मंडल से बाहर करने के लिए ईजीएम बुलाई है. वहीं, बताया जा रहा है कि बायजू के चार निवेशकों ने उनके खिलाफ दमन, कुप्रबंधन का मुकदमा एनसीएलटी में दायर किया है. इसके साथ ही, उन्होंने बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है. याचिका में निवेशकों ने नया बोर्ड नियुक्त करने की भी मांग की है. मुकदमा में निवेशकों ने हाल ही में खत्म हुए राइट्स इश्यू को भी अमान्य घोषित करने की मांग की है.

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13 मार्च के बाद आएंगे मतदान के नतीजे

बायजू के शेयरधारक स्टार्टअप में कथित ‘कुप्रबंधन एवं विफलताओं’ को लेकर संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को हटाने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर आज मतदान करेंगे. शेयरधारकों के एक समूह ने रवींद्रन और उनके परिजनों को निदेशक मंडल से बाहर करने के लिए ईजीएम बुलाई है. बायजू का संचालन ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ करती है. हालांकि, शुक्रवार को होने वाली शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में होने वाले मतदान का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा. उस दिन कर्नाटक उच्च न्यायालय कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा. इससे पहले, उच्च न्यायालय ने बुधवार को बायजू में 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. रवींद्रन और उनके परिवार की कंपनी में 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

कोर्ट ने क्या कहा

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कहा है कि असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की शर्तों का पालन नहीं किया गया है और कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 100 (3) के तहत इस संदर्भ में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. आदेश के अनुसार, संबंधित कंपनी के शेयरधारकों की 23 फरवरी, 2024 को होने वाली ईजीएम में लिया गया कोई भी निर्णय सुनवाई की अगली तारीख तक प्रभावी नहीं होगा.

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