Cabinet decision : बैंकों पर मोरेटोरियम लगने के बाद 90 दिनों के अंदर जमाकर्ता निकाल सकेंगे पांच लाख रुपये
Cabinet decision, moratorium, Depositors, Rs 5 lakh, 90 days : नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों पर प्रतिबंध लगाने पर बैंक के खाताधारकों को अब 90 दिनों के अंदर ही पांच लाख रुपये तक अपना पैसा मिल सकेगा.
नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों पर प्रतिबंध लगाने पर बैंक के खाताधारकों को अब 90 दिनों के अंदर ही पांच लाख रुपये तक अपना पैसा मिल सकेगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यह जानकारी दी.
डिपॉजिट इंश्योरेंश क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन इसलिए किया गया था कि बैंक डिपॉजिटर्स को अगर किसी समय आरबीआई मोरेटोरियम लगाती है तो उस समय उनका पैसा बैंकों से निकालने पर जो रोक लगती थी उससे उनको दिक्कत आती थी: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर pic.twitter.com/qKt30JUS7W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2021
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को मंत्रिपरिषद के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरबीआई अगर किसी समय मोरेटोरियम लगाती है, तो जमाकर्ताओं को उनका पैसा निकालने पर रोक लग जाती थी. इससे जमाकर्ताओं को परेशानी होती थी.
Deposit Insurance Credit Guarantee Corporation was created in case people faced difficulties after RBI imposes moratoriums on banks. Today's Cabinet meeting has decided that within 90 days, depositors will receive Rs 5 lakhs of their money: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/c89YYsHbZf
— ANI (@ANI) July 28, 2021
उन्होंने कहा कि आज कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि जमाकर्ताओं को अब अपना पैसा निकालने के लिए तय सीमा होगी. जमाकर्ताओं को 90 दिनों के अंदर अपना पैसा पांच लाख रुपये तक निकाला जा सकता है. मालूम हो कि पिछले साल वित्त मंत्री ने बीमा कवर की राशि एक लाख से बढ़ा कर पांच लाख कर दी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों पर मोरेटोरियम लगाने पर जमाकर्ताओं के पैसा निकासी पर रोक लग जाती थी. इससे जमाकर्ताओं को परेशानी होती थी. इससे निबटने के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंश क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन किया गया था.
मालूम हो कि साल 1978 में जमा बीमा निगम और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के विलय के बाद जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम अस्तित्व में आया. बैंकों के विफल होने पर जमाकर्ता बीमा कवर के रूप में अधिकतम एक लाख रुपये तक की राशि का दावा कर सकते हैं. इसे पिछले साल वित्तमंत्री ने बढ़ा कर पांच लाख रुपये कर दिया था.
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