CAIT ने ईडी से की मांग, रिटेल मार्केट खराब करने को लेकर अमेजन के खिलाफ की जाए कड़ी कार्रवाई
कारोबारियों का संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र लिखकर बाजार खराब करने वाली कीमत को लेकर ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. पत्र में दावा किया गया है कि अमेजन की बाजार बिगाड़ने वाली कीमत से छोटे कारोबारियों की स्थिति खराब हो रही है.
नयी दिल्ली : कारोबारियों का संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र लिखकर बाजार खराब करने वाली कीमत को लेकर ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. पत्र में दावा किया गया है कि अमेजन की बाजार बिगाड़ने वाली कीमत से छोटे कारोबारियों की स्थिति खराब हो रही है.
CAIT ने कहा कि उसने ईडी को लिखे पत्र में अमेजन के खिलाफ सभी जरूरी तथ्यों को रखा है. इसके जरिये ये साबित किया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनी वर्ष 2012 से ही भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमन का उल्लंघन करती आ रही है. CAIT ने एक बयान में कहा कि इससे देश के छोटे-बड़े करोड़ों व्यापारियों को नुकसान पहुंचा है, जबकि सरकार ने एफडीआई नीति और फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) और नियमनों में उनके व्यापार को संरक्षित रखने के सभी प्रावधान किये हैं.
CAIT ने दावा किया है कि अमेजन द्वारा इन कानूनों का लगातार उल्लंघन के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके कारण देश के 7 करोड़ व्यापारियों के साथ-साथ श्रमिकों और उनसे जुड़े लोग खुद को ठगा हुआ और लाचार महसूस कर रहे हैं. पत्र में कहा गया है कि घरेलू खुदरा कारोबारियों की भावनाओं और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये के चलते देश की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को देखते हुए कड़ी कार्रवाई किये जाने की जरूरत है. CAIT प्रवर्तन निदेशालय से ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने की मांग करता है.
इस बारे में अमेजन इंडिया से ई-मेल के जरिये पूछा गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हमने प्रवर्तन निदेशालय को लिखे पत्र में कुछ सवाल उठाए हैं कि अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (अमेजन इंडिया) और अन्य अनुषंगी सहायक कंपनियों और बेनामी कंपनियों के माध्यम से ई-कॉमर्स कंपनी कैसे बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में (ई-कॉमर्स का इन्वेंट्री आधारित मॉडल) में सक्रिय है. उन्होंने कहा कि यह एफडीआई नीति, संबंधित प्रेस नोट्स और फेमा अधिनियम, नियमों और विनियमन का पूर्ण उल्लंघन है.
Posted By : Vishwat Sen
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