कोलकाता : पश्चिम बंगाल के निवेशकों के 600 करोड़ रुपये का गबन करने वाले पैलान ग्रुप के सीएमडी को कलकत्ता हाइकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कंपनी ने निवेशकों से जितने रुपये जमा लिये हैं, उसमें से अगर 80 प्रतिशत राशि का भुगतान कर देती है तो जमानत की याचिका पर विचार किया जा सकता है.
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी व न्यायाधीश अनिरुद्ध राय की डिवीजन बेंच ने चिटफंड कंपनी पैलान ग्रुप के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अपूर्व साहा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं. सुनवाई के दौरान अपूर्व कुमार साहा के वकील ने हाइकोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल पिछले एक साल से जेल हिरासत में हैं और मामले की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं.
साथ ही कहा कि उनके मुवक्किल ने अपनी संपत्ति की विस्तृत जानकारी भी दे दी है. वहीं, सीबीआइ के वकील ने कोर्ट को बताया कि अपूर्व साहा पर लगभग 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. अपूर्व साहा ने पूरे रुपये का हिसाब अब तक नहीं दिया है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने अपूर्व साहा की जमानत याचिका खारिज कर दी.
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने मनी लांड्रिंग के आरोप में कोलकाता के पैलान समूह के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अपूर्व साहा को गिरफ्तार किया था. इससे पहले सीबीआई ने समूह के निदेशक धनंजय कुमार सिंह को इसी मामले में गिरफ्तार किया था और धनंजय सिंह से पूछताछ के बाद अपूर्व साहा को गिरफ्तार किया गया.
आरोप है कि पैलान समूह ने अधिक रिटर्न का लालच देकर बाजार से 500 करोड़ से ज्यादा की रकम जुटायी थी. निवेशकों को रकम लौटाने की बजाय दफ्तर बंद करके फरार हो गये थे. सेबी ने वर्ष 2015 में पैलान समूह की दो कंपनियों और उसके निदेशकों पर निवेशकों से पैसे जुटाने पर रोक लगा दी थी.
सेबी के मुताबिक, इन दोनों कंपनियों ने गैर-कानूनी तरीके से नन-कन्वर्टिवल बांड के जरिये बाजार से 83.4 करोड़ रुपये की उगाही की थी. इसके साथ ही वे विभिन्न योजनाओं के जरिये निवेशकों से जुटाये गये लगभग 574 करोड़ रुपये का अब तक पूरा हिसाब नहीं दे सके हैं.
Posted By : Mithilesh Jha
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.