इनकम टैक्स की जांच में ऑफिसर से मिले बिना भी प्रक्रिया में हो सकते हैं शामिल, करना होगा ये काम…

यदि किसी व्यक्ति को इनकम टैक्स से जुड़ी जांच का नोटिस मिलता है, तो उसे अपने यहां के लोकल इनकम टैक्स ऑफिरसर से पर्सनली मिलने की जरूरत नहीं है. वह व्यक्ति इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नयी संपर्क रहित आकलन योजना के तहत इस संबंध में आगे की प्रक्रिया पूरी कर सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक जनसूचना में कहा कि डिपार्टमेंट का चेहरा अब बदल रहा है. कोई व्यक्ति अब इंटरनेट के माध्यम से संपर्क रहित आकलन व्यवस्था का लाभ उठा सकता है.

By Agency | July 20, 2020 9:00 PM

नयी दिल्ली : यदि किसी व्यक्ति को इनकम टैक्स से जुड़ी जांच का नोटिस मिलता है, तो उसे अपने यहां के लोकल इनकम टैक्स ऑफिरसर से पर्सनली मिलने की जरूरत नहीं है. वह व्यक्ति इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नयी संपर्क रहित आकलन योजना के तहत इस संबंध में आगे की प्रक्रिया पूरी कर सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक जनसूचना में कहा कि डिपार्टमेंट का चेहरा अब बदल रहा है. कोई व्यक्ति अब इंटरनेट के माध्यम से संपर्क रहित आकलन व्यवस्था का लाभ उठा सकता है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति या टैक्सपेयर्स को विभाग की ओर से टैक्स जांच का नोटिस मिल भी जाता है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है. संपर्क रहित इनकम टैक्स आकलन व्यवस्था आपकी मदद करेगी. अपनी आय और कर के बारे में समझाने के लिए आपको (टैक्सपेयर्स) को लोकल इनकम टैक्स ऑफिसर से पर्सनली मिलने की जरूरत नहीं है.

डिपार्टमेंट ने कहा कि व्यक्ति अपने जवाब को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इनकम टैक्स डिपार्टमें की वेबसाइट पर जमा करा सकता है. इन जवाबों के आकलन के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की स्पेशल टीम बनायी गयीं हैं, जो देश के विभिन्न शहरों में काम करती हैं. जनसंदेश में कहा गया है कि संपर्क रहित कर आकलन व्यवस्था उपयुक्त आकलन सुनिश्चित करेगी. यह सुविधा पहले ही करीब 58,000 करदाताओं की मदद कर चुकी है.

बता दें कि इनकम टैक्स की इस योजना को पिछले साल अक्टूबर में शुरू किया गया था. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में विभाग इस योजना के तहत 7,116 मामलों का निपटान कर चुका है. संपर्क रहित कर आकलन के लिए बनायी गयी स्पेशल टीमों की कोई व्यक्तिगत पहचान नहीं होती.

देशभर में तैनान इन टीमों को किसी भी स्थान से जुड़े मामलों के आकलन का काम दिया जा सकता है. इसका मतलब यह कि ऑनलाइन प्राप्त हुए दस्तावेजों के आधार पर उत्तर भारत के किसी मामले का आकलन दक्षिण भारत का ऑफिसर भी कर रहा हो सकता है.

सूत्रों ने बताया कि इस सुविधा के तहत इन विशेष टीमों को 58,319 मामले आकलन करने के लिए सौंपे गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल पांच जुलाई को अपने बजट भाषण में इस सुविधा को शुरू करने की घोषणा की थी.

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Posted By : Vishwat Sen

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