Car Insurance करवाने से पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बात, एड करवाएं Zero Dep Cover, समझें क्यों है जरूरी
Car Insurance: अगर आप अपने कार का इंश्योरेंस में Zero Dep Cover एड करवा लेते हैं तो क्लेम के समय आर्थिक राहत मिलेगी.
Car Insurance: अगर आपके पास कार है तो आप उसका बीमा जरूर करवाते होंगे. आमतौर पर हम इंश्योरेंस इसलिए करवाते हैं क्योंकि किसी भी तरह के एक्सीडेंट होने या गाड़ी चोरी होने की सुरत में बीमा के माध्यम से क्लेम ले सकें. कार इंश्योरेंस में गाड़ी की उम्र के हिसाब से राशि जी जाती है. इसका सीधा अर्थ है कि गाड़ी जैसे-जैसे पुरानी होती है, इसकी मार्केट वैल्यू कम होती जाती है. बीमा कंपनी इसके पीछे कारण बताती है कि पुरानी गाड़ी के पार्टस घिस जाते हैं और गाड़ी भी पुरानी हो जाती है. ऐसे में क्लेम की स्थिति में कार के मालिक को परेशानी उठानी पड़ती है. लेकिन, अगर आप अपने कार का इंश्योरेंस में Zero Dep Cover एड करवा लेते हैं तो क्लेम के समय आर्थिक राहत मिलेगी.
क्या है Zero Dep Cover
Zero Dep Cover में Depreciation का मतलब होता है मूल्यह्रास, यानी ये वो सहायक कवर है जो बीमा की राशि को कम नहीं होने देता. कार इंश्योरेंस के लिए एक प्रकार का ऐड-ऑन या राइडर कवरेज है. ये एक सामान्य व्यापक कार इंश्योरेंस नीति में, जब किसी दुर्घटना के कारण कार के पुर्जे के मरम्मत या पुनर्स्थापन के लिए दावा किया जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी किसी भी पुर्जे के डेप्रीशिएशन का ध्यान रखती है. डेप्रीशिएशन से तात्कालिक समय में वस्तु के मूल्य में कमी होती है. इसलिए, इंश्योरेंस कंपनी दावा राशि से उस पुर्जे के डेप्रीशिएटेड मूल्य को कट लेती है, और बाकी खर्च बाकी रहते हैं. हालांकि, जीरो डेप्रीशिएशन इंश्योरेंस में, नीति धारक को पूर्ण मूल्य जिसमें किसी भी पुर्जे की मरम्मत या पुनर्स्थापन होगी के लिए कटाव के बिना कवर किया जाता है. अर्थात्, इंश्योरेंस कंपनी उस पुर्जे की पूर्ण खर्च उठाती है, जिसमें किसी भी पुर्जे के डेप्रीशिएटेड मूल्य का कोई कटाव नहीं होता है. Zero Dep बीमा नई या महंगी कारों के लिए फायदेमंद है जहां कार के हिस्सों के उच्च मूल्य के कारण मरम्मत और प्रतिस्थापन की लागत काफी अधिक हो सकती है. यह दावा निपटान के दौरान पॉलिसीधारक पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करता है.
किन लोगों के लिए ज्यादा जरूरी है ये इंश्योरेंस कवर
ऐसे देखा जाए तो हर व्यक्ति को अपनी गाड़ी का Zero Dep Insurance करवाना चाहिए. लेकिन, अगर आपने नई कार खरीदी है तो आपको Zero Dep Insurance कराना चाहिए क्योंकि कार या वाहन में डेप्रिशिएन, उसको खरीदने की तारीख के साथ ही शुरू हो जाता है. इसके अलावे अगर आपकी कार महंगी लग्जरी कार है तो भी ये आपके लिए काफी काम का है क्योंकि महंगी गाड़ियों के पार्ट्स भी महंगे होते हैं. सबसे जरूरी है कि अगर आप अभी कार चलाना सीख रहे हैं तो नया-नया गाड़ी को चलाना सीखा है, तो आपको Zero Dep Insurance कवर लेना चाहिए. ये आपके लिए फायदे का सौदा रहेगा.
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कैसे लें कार इंश्योरेंस
कार इंश्योरेंस लेने से पहले, अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें. कई बैंक और वित्तीय संस्थाएं कार इंश्योरेंस प्रदान करती हैं. विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं की वेबसाइट और ऑनलाइन तथा ऑफ़लाइन स्रोतों से विभिन्न इंश्योरेंस योजनाओं की जांच करें. इंश्योरेंस जांच करने के बाद, अपनी आवश्यकताओं और बजट के आधार पर सबसे उपयुक्त नीति विकल्प का चयन करें. आमतौर पर, दो प्रकार की कार इंश्योरेंस योजनाएं होती हैं. एक तिमाही तथा सालाना पॉलिस और लागती इंश्योरेंस पॉलिसी. आपके चयनित इंश्योरेंस कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से इंश्योरेंस आवेदन पत्र भरें. आपको व्यक्तिगत जानकारी, वाहन और चालक का विवरण, और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी. इंश्योरेंस आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पहचान प्रमाण, गाड़ी का पंजीकरण प्रमाण, चालक की दस्ती, और अन्य जरूरी दस्तावेज़ों की कॉपी जमा करें. आवेदन प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद, बीमा प्रीमियम भुगतान करें. इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान के बाद, आपको बीमा पॉलिस मिल जाएगी.
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