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सावधान! ”प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना” के जरिये धोखाधड़ी कर रहे ठग, …जानें क्या है मामला?

Unemployment allowance scheme, Fraud, Unemployed : नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन लगाये जाने के कारण कई लोग बेरोजगार हो गये हैं. ऐसे ही बेरोजगारों को ठगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. ऑनलाइन और ऑफलाइन स्रोतों के जरिये 12वीं पास करनेवाले शिक्षितों को प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना का झांसा देकर ठगने की कोशिश की जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2021 3:13 PM

नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन लगाये जाने के कारण कई लोग बेरोजगार हो गये हैं. ऐसे ही बेरोजगारों को ठगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. ऑनलाइन और ऑफलाइन स्रोतों के जरिये 12वीं पास करनेवाले शिक्षितों को प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना का झांसा देकर ठगने की कोशिश की जा रही है.

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की अपील कही है. साथ ही कहा है कि ऐसे नकली वेबसाइटों से सतर्क रहें और संदिग्ध होने पर ना तो उनके द्वारा पूछे गये किसी प्रश्न का उत्तर दें और ना ही कोई व्यक्तिगत जानकारी साझा करें.

साइबर क्राइम विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि ”साइबर अपराधी कोरोना महामारी का इस्तेमाल, मासूम और अनभिज्ञ लोगों को फर्जी रोजगार भत्ता की पेशकश कर, ठगने के अवसर के रूप में कर रहे हैं. वे लोगों को ‘प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना’ जैसी नकली वेबसाइटों में पंजीकरण करने के लिए कह सकते हैं या एसएमएस, ई-मेल या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से फर्जी पंजीकरण अनुरोध भेज सकते हैं.

साथ ही साइबर क्राइम विभाग ने अपने ट्वीट में आमलोगों से अपील करते हुए कहा है कि ”इन नकली वेबसाइटों से सतर्क रहें और किसी भी कारण से संदिग्ध होने पर अनजान कॉल / संदेश / ई-मेल आदि का जवाब ना दें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें.”

बताया जाता है कि सोशल मीडिया में जारी इस सूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए आवेदन करनेवाले युवाओं की शिक्षित योग्यता कम-से-कम 12वीं पास होना चाहिए. योजना का लाभ प्राप्त लेने के लिए लाभार्थी को आवेदन करना होगा. योजना के तहत केवल बेरोजगार युवा ही पात्र होंगे.

योजना के तहत आवेदक के परिवार की वार्षिक आय तीन लाख या उससे कम होनी चाहिए. इस योजना के तहत 50 फीसदी भत्ता केंद्र सरकार और 50 फीसदी भत्ता राज्य सरकार को देगी. ऐसी किसी सूचना पर भरोसा ना करें, क्योंकि ऑनलाइन और ऑफलाइन स्रोतों के जरिये झूठे मनगढ़ंत भ्रामक सूचनाएं जानकारियां फैलायी जा रही हैं.

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