New Delhi: देश में जल्द ही ग्रीन हाइड्रोजन से दौड़ेंगी कारें. इसके लिए सीवेज के पानी और कचरे का उपयोग किया जाएगा. ये बातें केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही है. उन्होंने कहा कि, देश में बसों, ट्रकों से लेकर मोटर कारों को चलाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है. गडकरी ने ये भी कहा कि सीवेज के पानी और ठोस कचरे के उपयोग से ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की योजना बना रहे हैं.
वित्तीय समावेशन के छठे राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (sixth National Summit on Financial Inclusion) के मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी योजना ग्रीन हाइड्रोजन से बसें, ट्रक और कार चलाने की है. गडकरी ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए एक कार भी खरीदी है जो साथ ही फरीदाबाद के एक तेल अनुसंधान संस्थान में ग्रीन हाइड्रोजन ली है. गडकरी ने कहा कि जल्द ही वो अपनी ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार लेकर सड़कों पर निकलेंगे. ताकी लोगों को ग्रीन हाइड्रोजन के प्रति जागरूक किया जा सके.
सम्मेलन में नितिन गडकरी ने ये भी कहा है कि वो एक फाइल पर साइन करने जा रहे हैं जिसमें कार बनाने वाली कंपनियों से कहा जाएगा कि वो सौ फीसदी बायो-इथेनॉल से चलने वाले इंजन बनाएं. केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि देश में हर साल 8 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोल, डीजल समेत अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद होती है. और अनुमान है कि अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले समय में इसकी खपत और बढ़ेगी.
गडकरी ने कहा कि वाहनों में फ्लेक्स-ईंधन से चलने वाले इंजन की शुरुआत से देश आत्मनिर्भरता की राह पर कई कदम आगे बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि टोयोटा, सुजुकी और हुंडई कंपनी के एमडी से उनकी बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो नये वाहन में 100 फीसदी बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल करेंगे.
Posted by: Pritish Sahay
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