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गो फर्स्ट ने 15 मई तक टिकट बुकिंग रोकी, DGCA ने फुल रिफंड का दिया आदेश

विमानन नियामक ने एक बयान में एयरलाइन को जारी कारण बताओ नोटिस का हवाला दिया और कहा कि गो फर्स्ट ने सूचित किया था कि उन्होंने एनसीएलटी के समक्ष दिवाला और दिवालियापन संहिता की धारा 10 के तहत एक आवेदन दायर किया है.

नई दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रहे किफायती विमानन कंपनी गो फर्स्ट की ओर से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में स्वैच्छिक दिवालिया समाधान याचिका दायर करने के दूसरे दिन कंपनी ने टिकटों की बिक्री पर 15 मई तक रोक लगा दी है. कंपनी की ओर से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दी गई जानकारी में कहा गया है कि उसने 15 मई तक टिकटों की बिक्री को निलंबित कर दिया है. एयरलाइन ने कहा कि उसने सभी को उड़ानों को नौ मई तक निलंबित कर दिया है.

एनसीएलटी में याचिका दायर

विमानन नियामक ने एक बयान में एयरलाइन को जारी कारण बताओ नोटिस का हवाला दिया और कहा कि गो फर्स्ट ने सूचित किया था कि उन्होंने एनसीएलटी के समक्ष दिवाला और दिवालियापन संहिता की धारा 10 के तहत एक आवेदन दायर किया है. डीजीसीए ने कहा कि उन्होंने आगे सूचित किया है कि उन्होंने 3 मई 2023 से तीन दिनों की अवधि के लिए अस्थायी रूप से निर्धारित उड़ान संचालन को निलंबित कर दिया है और एनसीएलटी के समक्ष उनके आवेदन के परिणाम के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे.

यात्रियों का पैसा करें रिफंड : डीजीसीए

डीजीसीए ने कहा कि उसने गो फर्स्ट की प्रतिक्रिया की जांच की है और प्रचलित विनियमों के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें उसे निर्देश दिया गया है कि वे प्रासंगिक नियमों में विशेष रूप से निर्धारित समयसीमा के अनुसार यात्रियों को रिफंड की प्रक्रिया करें. एनसीएलटी के समक्ष सुनवाई के दौरान एयरलाइन ने ट्रिब्यूनल से एक निर्देश मांगा कि अगर एनसीएलटी आज याचिका को स्वीकार नहीं करता है, तो ऋण पुनर्गठन के रूप में एक अंतरिम राहत प्रदान की जाए. गो फर्स्ट एयरलाइंस कंपनी अदालत को सूचित करती है कि कंसोर्टियम के साथ बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है. गो फर्स्ट ने कहा कि एयरलाइन के कायापलट के लिए एक दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया जाना चाहिए.

Also Read: गो फर्स्ट ने एनसीएलटी में दायर की याचिका, पट्टेदारों और डीजीसीए को जबरिया कार्रवाई से रोकने की अपील

डीजीसीए की जबरिया कार्रवाई रोकने की अपील

बताते चलें कि एनसीएलटी के समक्ष दायर अपनी याचिका में एयरलाइन ने विमान पट्टेदारों को कोई भी वसूली कार्रवाई करने से रोकने के साथ-साथ डीजीसीए और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को जबरिया कार्रवाई से रोकने की अपील की है. अपील में यह भी कहा गया है कि डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और निजी हवाई अड्डा परिचालक को एयरलाइन को आवंटित प्रस्थान और पार्किंग स्लॉट को रद्द नहीं करें. एयरलाइन यह भी चाहती है कि ईंधन आपूर्तिकर्ता विमान परिचालन के लिए आपूर्ति जारी रखें.

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