नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केनरा बैंक की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएसएल ग्रुप और उसके निदेशकों के खिलाफ बैंक को 428.50 करोड़ रुपये की कथित चपत लगाने के लिए मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही, सीबीआई ने गुरुवार को मुंबई, कच्छ सहित सात स्थानों पर छापेमारी करके आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस छापेमारी के दौरान सीबीआई को आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने पीएसएल ग्रुप और उसके निदेशकों के खिलाफ केनरा बैंक के साथ ऋण धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज किया है. सीबीआई के अनुसार, कंपनी ने ऋण भुगतान में चूक कर केनरा बैंक को कथित तौर पर 428.50 करोड़ रुपये की चपत लगाई है.
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने गुरुवार को मुंबई और गुजरात के कच्छ में सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और इस दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये. सीबीआई ने कंपनी के अलावा इसके निदेशकों अशोक योगेंद्र पुंज, राजेंद्र कुमार बाहरी, चितरंजन कुमार, जगदीशचंद्र गोयल और आलोक योगेंद्र पुंज को भी मामले में आरोपी बनाया है. बैंक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है.
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अधिकारियों के अनुसार, कंपनी पर 2016-19 के दौरान केनरा बैंक को धोखा देने की साजिश रचने और विभिन्न ऋण सुविधाओं की मंजूरी मांगने का आरोप है. उन्होंने कहा कि अभियुक्तों ने बहीखातों को गलत तरीके से पेश किया और बैंक के धन का दुरुपयोग कर अपने देनदारों से प्राप्त मिलने वाली राशि को इधर-उधर किया.
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