लॉकडाउन में कारोबारियों को GST रिफंड कर रहा CBIC, अब तक 5,575 करोड़ रुपये के दावों का किया निपटारा

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कोरोना वायरस संकट के समय वस्तु एवं सेवाकर (GST) करदाताओं को हर संभव मदद देने की प्रतिबद्धता जतायी है.

By KumarVishwat Sen | April 18, 2020 10:40 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कोरोना वायरस संकट के समय वस्तु एवं सेवाकर (GST) करदाताओं को हर संभव मदद देने की प्रतिबद्धता जतायी है. बोर्ड ने 30 मार्च के बाद से अब तक 5,575 करोड़ रुपये के 12,923 जीएसटी रिफंड दावों का निपटारा किया है. सरकारी समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, बोर्ड ने एक बयान में कहा कि अकेले पिछले सप्ताह में ही 3,854 करोड़ रुपये के 7,873 दावों का निपटान किया है. साथ ही उसने व्यापार और कारोबार अनुकूल फैसले किए हैं.

सीबीआईसी ने 31 मार्च को एक परिपत्र संख्या 133 जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) वापसी के दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करने और सार्थक सूचनाओं के अभाव में किसी गलत दावे के निस्तारण पर रोक सुचित किए जाने की बात कही गयी है. विभाग ने कहा है कि इस सर्कुलर को लेकर कोविड-19 जैसी स्थिति में भी सोशल मीडिया तथा अन्य मीडिया के कुछ हिस्सों में करदाताओं के बीच भ्रम फैलाया गया कि यह उन्हें तंग करने के लिए है.

बोर्ड ने कहा कि जीएसटी परिषद की 14 मार्च की बैठक में आईटीसी रिफंड में देरी को कम करने का निर्णय किया गया. इसके साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि आईटीसी के नकली दावों को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. करदाताओं सहित विभिन्न पक्षकारों ने इन मुद्दों को जीएसटी परिषद के समक्ष रखा था. व्यापार के सामने आ रही इस समस्या के निदान के लिए यह तय किया गया कि वर्गीकरण कोड की घोषणा को ही आवेदन का एक हिस्सा बनाया जाए.

इसी बैठक में यह भी तय किया गया कि निर्यातकों को रिफंड दावों के निपटान के लिए वित्तीय वर्ष को अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाए. यह सुविधा 31 मार्च 2020 के बाद दायर आवेदनों पर लागू होगी. यह गौर किया जाना चाहिए कि इस तरह के सभी आवेदनों की तिथि जो कि 20 मार्च और 29 जून 2020 थी, उसे बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है.

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