Cement Prices Hike News: अभी और क्यों बढ़ेंगे सीमेंट के दाम! घर बनाना पड़ेगा महंगा
Cement Prices Hike News: देश और दुनिया में बढ़ती मांग के बीच कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण सीमेंट के दाम में अभी और बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऐसे में अब घर बनाना भी महंगा पड़ेगा. अप्रैल महीने में सीमेंट के मूल्य में इजाफा हो सकता है.
Cement Prices Hike News: देश और दुनिया में बढ़ती मांग के बीच कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण सीमेंट के दाम में अभी और बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऐसे में अब घर बनाना भी महंगा पड़ेगा. अप्रैल महीने में सीमेंट के मूल्य में इजाफा हो सकता है. क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर आशंका जताई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लागत में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है.
हर बोरी होगी इतनी महंगी
क्रिसिल का अनुमान है कि घरेलू बाजार में सीमेंट का दाम इस महीने 25 से 50 रुपये प्रति बोरी बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 12 महीने के दौरान सीमेंट का दाम बढ़कर 390 रुपये बोरी हो गया है. विनिर्माताओं ने अब लागत वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है. इससे सीमेंट 25-50 रुपये प्रति बोरी और महंगा हो सकता है. वहीं, डीलर्स के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण और मध्य भारत में सीमेंट की कीमतों में प्रति बोरी 15 से 20 रुपये की तेजी पहले ही आ चुकी है. जबकि, पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में सीमेंट के दाम प्रति बोरी 5 से 10 रुपये बढ़े है.
कोयले के दाम में भी हुआ इजाफा
कच्चे तेल के दाम मार्च में औसतन 115 डॉलर प्रति बैरल रहे. इसके अलावा विभिन्न कारणों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दाम भी बढ़े हैं. बिजली और ईंधन की लागत बढ़ने से सड़क के जरिये ढुलाई भाड़े में भी वृद्धि हुई है. इसी के मद्देनजर सीमेंट कंपनियों ने पूरे देश में अप्रैल से सीमेंट की हर बोरी पर 40 से 50 रुपये बढ़ाने के संकेत दिये हैं.
वित्त वर्ष 2022-23 में सीमेंट में 5 से 7 फीसदी की वृद्धि संभव
वहीं, क्रिसिल रिसर्च के निदेशक एच गांधी का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में सालाना आधार पर सीमेंट की मांग 20 प्रतिशत बढ़ी. लेकिन दूसरी छमाही में बेमौसम बारिश, श्रम के उपलब्ध नहीं होने जैसे कारणों से नरमी आई. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में सीमेंट मात्र में 5 से 7 फीसदी की वृद्धि की संभावना है. इसका कारण बुनियादी ढांचे के साथ छोटे शहरों में सस्ते मकानों पर जोर है. हालांकि निर्माण लागत बढ़ने से मांग में तेजी पर कुछ अंकुश लगेगा.
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