अब घर बनाना होगा महंगा, एक जून से बढ़ने वाली है सीमेंट की कीमत
इंडिया सीमेंट के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीनिवासन ने कहा कि कंपनी ने अपनी 26,000 वर्ग फुट जमीन के कुछ हिस्से को बेचकर संपत्ति के मौद्रिकरण की योजना भी बनाई है. इससे मिली राशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और विनिर्माण संयंत्रों में सुधार के लिए किया जाएगा.
बढ़ती महंगाई के बीच अब घर बनाना भी होने जा रहा है महंगा. दरअसल, सीमेंट कंपनी इंडिया सीमेंट लिमिटेड ने सीमेंट की कीमत में प्रति बोरी 55 रुपये की वृद्धि करने की योजना बनाई है. यह वृद्धि चरणबद्ध रूप में की जाएगी. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी की ओर से यह जानकारी दी गयी है.
प्रति बोरी सीमेंट की कीमत एक जून को 20 रुपये बढ़ेगा
इंडिया सीमेंट के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीनिवासन ने कहा कि कंपनी ने अपनी 26,000 वर्ग फुट जमीन के कुछ हिस्से को बेचकर संपत्ति के मौद्रिकरण की योजना भी बनाई है. इससे मिली राशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और विनिर्माण संयंत्रों में सुधार के लिए किया जाएगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं प्रति बोरी सीमेंट की कीमत एक जून को 20 रुपये, 15 जून को 15 रुपये और एक जुलाई को 20 रुपये बढ़ा रहा हूं.
कृपया मेरी तुलना दूसरों से न करें : श्रीनिवासन
श्रीनिवासन ने कहा कि सीमेंट की कीमत में बढ़ोतरी से कंपनी की लागत निकलेगी और इससे कंपनी का बहीखाता बेहतर दिखना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि कुछ सीमेंट विनिर्माता सीमेंट की खुदरा कीमत में कटौती की योजना बना रहे हैं, तो श्रीनिवासन ने कहा कि कृपया मेरी तुलना दूसरों से न करें. देखिए, मुझे एक काम करना है, मेरी नौकरी एक सीमेंट कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की है। सभी लागत बढ़ गई हैं और मुझे (कीमत बढ़ाने के लिए) कुछ करना होगा, नहीं तो मैं और नुकसान उठाऊंगा.
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क्या कीमतों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित होगी
यह पूछने पर कि क्या कीमतों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित होगी, उन्होंने कहा कि इससे बिक्री प्रभावित नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा दो कारणों से है – एक यह कि मैं सबसे अच्छी गुणवत्ता (सीमेंट की) देता हूं और दूसरा यह कि लोग कहते हैं कि मैं अच्छा विनिर्माता हूं. मैं इस क्षेत्र में 75 साल से हूं और मेरे बारे में राय अच्छी है। मेरा ब्रांड पुल बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि वह अतिरिक्त जमीन के मौद्रिकरण की योजना बना रहे हैं, और इससे मिली धनराशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने तथा संयंत्रों में सुधार के लिए करेंगे, ताकि लागत में कमी आ सके.
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