नयी दिल्ली : केंद्र सरकार (Central Government) ने एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त करना चाहती है. यह बाध्यता घरेलू उड़ानों के लिए भी समाप्त करने का प्रयास केंद्र सरकार कर रही है. लेकिन कई राज्य केंद्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं. अब राज्यों को मनाने का जिम्मा नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) को सौंपा गया है. जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा हैं, वे राज्य इस फैसले पर एतराज जता रहे हैं.
आरटी-पीसीआर टेस्ट को सीमित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन यात्रियों को कोविड-19 के टीके का दोनों डोज लगा दिया गया है, उनके यात्रा करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी नहीं है. इसे लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय राज्यों से बात कर रहा है. बता दें कि ट्रेनों में अभी भी यात्रा करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट दिखाने की जरूरत नहीं है.
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी कहते आ रहे हैं कि कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण उड्डयन मंत्रालय पिछले कई दिनों से भारी नुकसान में है. अब तबकि मामले कम आ रहे हैं और एक हद तक संक्रमण पर काबू पा लिया गया है तो इसे धीरे-धीरे खोलने की जरूरत है. इसी क्रम में उन्होंने कहा जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिये हैं, वैसे यात्रियों को बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के सफर करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
यहां बता दें कि स्वास्थ्य संबंधी मामलों में राज्यों के भी कुछ अधिकार होते हैं. यहां तक कि कोरोना की दूसरी लहर में केंद्र सरकार की ओर से कोई भी पाबंदी नहीं लगायी गयी है. राज्य सरकारों ने ही अपनी स्थिति को देखते हुए अपने यहां लॉकडाउन सहित कई प्रकार की पाबंदियां लगायी हैं. इसलिए राज्यों की अनुमति के बिना घरेलू उड़ानों से आरटी-पीसीआर की बाध्यता समाप्त नहीं की जा सकती है.
इस समय महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों में दूसरे राज्यों से आने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है. इन दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. राज्यों का कहना है कि वैक्सीन के दोनों डोज लग जाने के बाद भी इस बात के प्रमाण नहीं हैं कि किसी व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण नहीं होगा.
Posted By: Amlesh Nandan.
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