प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या डिजिटल मुद्रा ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित बनायेगा तथा इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा. पीएम मोदी ने कहा कि इससे आने वाले समय में डिजिटल अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम में कहा कि आम बजट में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा को नकदी में तब्दील किया जा सकता है और यह फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नये द्वार खोलगा.
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. डिजिटल मनी के जरिये फिनटेक क्षेत्र में नये अवसरों का सृजन होगा और कैश का प्रबंधन, छपाई एवं परिवहन का बोझ कम होगा.
सीबीडीसी एक डिजिटल मुद्रा है, लेकिन यह करेंसी निजी करेंसी से अलग है. पिछले एक दशक में क्रिप्टो करेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है. निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उन्हें कोई जारीकर्ता नहीं है. यही वजह है कि इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा है. सरकार ने इसे लेकर सचेत भी किया है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की कि भारतीय स्टेट बैंक डिजिटल मनी लेकर आयेगा. साथ ही निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा भी की कि निजी डिजिटल करेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा. साथ ही अगर कोई डिजिटल करेंसी को गिफ्ट देगा तो उसपर भी कर लगेगा.
सरकार की ओर से यह भी कह दिया गया है कि अगर आप निजी डिजिटल करेंसी में पैसा लगाताे हैं तो उसमें अगर आपको नुकसान होता है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी. लेकिन आरबीआई के डिजिटल करेंसी में निवेश करने वालों की जिम्मेदारी सरकार लेगी.
Also Read: क्रिप्टोकरेंसी में कर रहे हैं निवेश, तो नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं: वित्त सचिव
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.