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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का होगा निजीकरण, हिस्सेदारी बिक्री पर सरकार ने लगाई मुहर

सरकार इन दोनों बैंकों में हिस्सेदारी घटाने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में सुधार करेगी और कुछ अन्य बैंकिंग नियमों में भी सुधार करेगी. सरकार ने कुल 4 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी कम करने की योजना बनाई है. इसमें इन दोनों के अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया भी हैं.

मुंबई : देश में सरकार बैंकों के निजीकरण का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के निजीकरण की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर ली है. मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, निजीकरण के पहले चरण के दौरान सरकार इन दोनों बैंकों में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.

मीडिया में इस खबर के आने के बाद सोमवार को इन दोनों बैंकों के शेयरों में करीब 20 फीसदी तक उछाल देखा गया. कारोबार के दौरान सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 20 फीसदी बढ़कर 24.30 रुपये पर पहुंच गया, जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक का शेयर 19.80% बढ़कर 23.60 रुपए पर रहा. इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शेयर 8 फीसदी बढ़कर 27 रुपए पर जबकि बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 7 फीसदी बढ़कर 80 रुपये पर रहे.

मीडिया की खबर के अनुसार, सरकार इन दोनों बैंकों में हिस्सेदारी घटाने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में सुधार करेगी और कुछ अन्य बैंकिंग नियमों में भी सुधार करेगी. सरकार ने कुल 4 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी कम करने की योजना बनाई है. इसमें इन दोनों के अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया भी हैं. हालांकि, पहले चरण में केवल दो ही बैंकों का निजीकरण किया जाएगा. सरकार ने बजट में भी दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की बात कही थी.

सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, नीति आयोग ने निजीकरण के लिए सबसे पहले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के नाम पर अपनी मुहर लगाई थी. हालांकि, निजीकरण किए जाने वाले सरकारी बैंकों की सूची में बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी संभावित नामों की सूची में शामिल है. नीति आयोग ने इन दोनों सरकारी बैंकों और एक जनरल बीमा कंपनी का नाम विनिवेश की समिति के सचिवालय को भेज दिया है. इन सभी का चालू वित्तवर्ष के अंत तक निजीकरण किया जाएगा.

मीडिया की खबर के अनुसार, फिलहाल देश में सार्वजनिक क्षेत्र या सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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