सेंट्रल बैंक के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, अब Loan के लिए नहीं खटखटाना होगा दूसरे Bank का दरवाजा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) फ्रेमवर्क के तहत आये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को वित्तीय स्थिति में सुधार के बाद पाबंदियों से जल्द मुक्ति मिल सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 5:50 PM
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) के ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है. अब आपको Loan लेने के लिए दूसरे बैंक का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़ेगा. बल्कि आपको आसानी से अपने ही बैंक में Loan मिल जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रदर्शन शानदार रहा है.

पाबंदियों से जल्द मुक्त हो सकता है सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) फ्रेमवर्क के तहत आये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को वित्तीय स्थिति में सुधार के बाद पाबंदियों से जल्द मुक्ति मिल सकती है.

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सेंट्रल बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.2 फीसदी बढ़कर 234.78 करोड़ रुपये

सूत्रों ने बताया कि बैंक ने आरबीआई को जो प्रेजेंटेशन दिया है, उसमें बताया गया है कि बीते पांच तिमाहियों में उसके वित्तीय मानदंडों में निरंतर सुधार आया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई बैंक के अनुरोध पर गौर कर रहा है और जल्द ही इस बारे में राय बना सकता है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सेंट्रल बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.2 फीसदी बढ़कर 234.78 करोड़ रुपये रहा है जो एक साल पहले जून तिमाही में 205.58 करोड़ रुपये था.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एनपीए में भी सुधार

समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) गिरकर सकल अग्रिम का 14.9 फीसदी रह गईं जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 15.92 फीसदी थीं. शुद्ध एनपीए भी पिछले वर्ष जून तिमाही के 5.09 फीसदी से घटकर इस जून तिमाही में 3.93 फीसदी रह गया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को शुद्ध एनपीए बहुत अधिक होने और परिसंपत्तियों पर कम रिर्टन मिलने की वजह से जून 2017 में पीसीए फ्रेमवर्क के तहत रखा गया था.

बैंक कैसे आते हैं पीसीए के दायरे में

किसी भी बैंक को पीसीए के तहत चुनिंदा नियामक आवश्यकताओं का उल्लंघन होने पर लाया जाता है. इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक को पीसीए फ्रेमवर्क से सितंबर 2021 में हटाया गया था.

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