नयी दिल्ली : सरकार ने फसल वर्ष 2020-21 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सोमवार को 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसके साथ ही, तिलहन समेत दलहन और अनाज की एमएसपी दरें भी बढ़ायी गयी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों को यह तय करने में मदद करेगा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगमन के साथ वे किन खरीफ फसलों की बुआई करें? धान मुख्य खरीफ फसल है और इसकी बुआई पहले ही शुरू हो चुकी है. अभी तक 35 लाख हेक्टेयर के रकबे में धान की बुआई की जा चुकी है. मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया है.
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नकदी फसलों में चालू फसल वर्ष (जुलाई से जून) के लिए कपास (मध्यम रेशे) का समर्थन मूल्य 260 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2020-21 के लिए 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. यह पिछले साल 5,255 रुपये प्रति क्विंटल था. कपास (लंबे रेशे) का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,825 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. सरकार ने कृषि और संबंधित गतिविधियों के तीन लाख रुपये तक के अल्पावधि के कर्ज के भुगतान की तिथि भी अगस्त तक बढ़ा दी.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के आधार पर मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी है. धान (सामान्य) का एमएसपी को इस वर्ष के लिए बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को लागत पर 50 फीसदी लाभ सुनिश्चित होगा.
तोमर ने कहा कि 2018-19 में एमएसपी निर्धारित करने का नया सिद्धांत घोषित किया था. इसके तहत एमएसपी को लागत के कम से कम डेढ़ गुने के स्तर पर रखा जाता है. फसल वर्ष 2020-21 के लिए एमएसपी की घोषणा इसी सिद्धांत के आधार पर की गयी. ग्रेड ए (बारीक किस्म) धान का एमएसपी 1,835 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,888 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि धान की सामान्य किस्त के उत्पादन की लागत 1,245 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि बारीक किस्म के धान की लागत 1,746 रुपये प्रति क्विंटल है. इन दोनों का एमएसपी लागत से 50 फीसदी अधिक है. अनाजों में बाजरे का प्रति क्विंटल एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2,150 रुपये, रागी 145 रुपये बढ़ाकर 3,295 रुपये प्रति क्विंटल तथा मक्के का एमएसपी 90 रुपये बढ़ाकर 1,850 रुपये किया गया है. ज्वार संकर और ज्वार मालदंडी का एमएसपी 70-70 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,620 रुपये और 2,640 रुपये तथा मक्के का 1,850 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया.
दलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उड़द का एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये, तुअर (अरहर) का 200 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये और मूंग का 146 रुपये बढ़ाकर 7,196 रुपये प्रति क्विंटल किया गया. सरकार ने खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए तिलहनों के एमएसपी में इस बार तेज वृद्धि की. सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 170 रुपये बढ़कर 3,880 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी बीज का 235 रुपये बढ़कर 5,885 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली का 185 रुपये बढ़कर 5,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
इनके अलावा, रामतिल (निगरसीड) का एमएसपी 755 रुपये बढ़ाकर 6,695 रुपये और तिल के बीज का 370 रुपये बढ़ाकर 6,855 रुपये प्रति क्विंटल किया गया. सरकार के अनुसार, एमएसपी में की गयी इस वृद्धि के बाद किसानों को लागत की तुलना में बाजरा की खेती में 83 फीसदी, उड़द की खेती में 64 फीसदी, अरहर की खेती में 58 फीसदी और मक्के की खेती में लागत से 53 फीसदी अधिक आय प्राप्त होने के अनुमान है. इनके अलावा, अन्य फसलों पर किसानों को लागत से कम से कम 50 फीसदी अधिक आय के अनुमान हैं.
Posted By : Vishwat Sen
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