सरकार 1 सितंबर से शुरू करेगी ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ योजना, खरीदारी का बिल अपलोड करने पर मिलेगा करोड़ों का इनाम
Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार के द्वारा मेरा बिल मेरा अधिकार योजना की शुरूआत एक सितंबर से की जा रही है. इस योजना के द्वारा आमलोगों को खरीदारी के बाद बिल लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है.
Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार के द्वारा मेरा बिल मेरा अधिकार योजना की शुरूआत एक सितंबर से की जा रही है. इस योजना के द्वारा आमलोगों को खरीदारी के बाद बिल लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि सरकार एक सितंबर से छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ प्रोत्साहन योजना जारी करेगी. इसकी मोबाइल एप पर बिल ‘अपलोड’ करके लोग 10,000 रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का नकद इनाम जीत सकते हैं. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि इस योजना का मकसद लोगों को हर बार खरीदारी करते समय बिल मांगने के लिए प्रेरित करना है. इसे असम, गुजरात और हरियाणा, पुडुचेरी, दमन व दीव और दादरा व नगर हवेली में शुरू किया जाएगा.
सीबीआईसी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर यह जानकारी दी. उसने कहा कि जीएसटी वाला बिल ‘अपलोड’ करने से लोगों को नकद इनाम मिल सकता है. ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों मंच पर उपलब्ध होगा. ऐप पर अपलोड किए गए ‘इनवॉइस’ में विक्रेता का जीएसटीआईएन, इनवॉइस नंबर, भुगतान की गई राशि और कर राशि की जानकारी होनी चाहिए. एक व्यक्ति एक महीने में अधिकतम 25 बिल ‘अपलोड’ कर सकता है, जिसका न्यूनतम मूल्य 200 रुपये होना चाहिए.
Mera Bill Mera Adhikaar Scheme!
👉 Launch from States of Haryana, Assam, Gujarat & UTs of Dadra & Nagar Haveli, Daman & Diu & Puducherry on 01/09/23.
👉Invoice incentive scheme which allows you to earn cash prizes on upload of GST Invoices.#Mera_Bill_Mera_Adhikaar pic.twitter.com/oswI6Afl5M
— CBIC (@cbic_india) August 22, 2023
मेरा बिल मेरा अधिकार योजना क्या है
केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया जा रहा ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा. ऐप पर अपलोड किए गए ‘इनवॉइस’ में कारोबारी का जीएसटीआईएन (GSTIN) इनवॉइस नंबर, पेमेंट की गई रकम और टैक्स राशि की जानकारी साफ-साफ लिखी होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति एक आईडी से महीने में अधिकतम 25 बिल अपलोड कर पाएगा. इस बिल की कम से कम खर्च हुई राशि 200 रुपये की होनी चाहिए. केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना को इसलिए लाया गया है कि ताकि ग्राहक अपनी खरीदी गई वस्तु के जरिए बिल लेने के लिए प्रोत्साहित हो सकें और ज्यादातर कारोबारी इसका पालन करें. GST Invoice ज्यादा से ज्यादा जेनरेट होंगे तो कारोबारी टैक्स चोरी से बच सकेंगे. साथ ही, सरकारी खजाने में इससे इससे बड़ी कर संग्रह की उम्मीद की जा रही है. हालांकि, एप के लॉच होने के बाद इसकी वस्तु स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
क्या है जीएसटी टैक्स
जीएसटी (Goods and Services Tax, GST) एक सामान्य परिकर या कर है जो भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है. यह कर भारत में बिक्री, वितरण और सेवाओं पर लागू किया जाता है और पूरे देश में एक ही अद्यतन किए गए कर प्रणाली को प्राथमिकता देता है. GST का मुख्य उद्देश्य भारत में अलग-अलग स्तरों पर लागू होने वाले करों को एक ही सामान्य कर सिस्टम में एकीकृत करना है. इससे कई प्रकार के करों के समापन से कारोबार परियोजना में आसानी हो जाती है और देशीय विकास को बढ़ावा मिलता है.
तीन भागों में बंटा है GST
केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी टैक्स को मुख्य रुप से तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें से एक है, सीजीएसटी (Central Goods and Services Tax, CGST) यह कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो केंद्र सरकार के क्षेत्र में होती हैं. वहीं, दूसरा है सीजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, SGST), यह कर राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है और यह बिक्री और सेवाओं पर लागू होता है जो राज्य सरकार के क्षेत्र में होती हैं. आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, IGST) यह कर राज्यों के बीच विक्रय और सेवाओं पर लागू होता है जब कोई सामान या सेवा एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रेषित होती है. GST के अंतर्गत, उत्पादों और सेवाओं के लिए एक ही सामान कर दरें निर्धारित की गई हैं, जो कि विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के प्रकारों के आधार पर विभाजित होती हैं. इससे सामान और सेवाओं पर कर लेने का प्रक्रियात्मक और आसान तरीका बनता है. कृपया ध्यान दें कि GST की नीतियों और कर दरों में बदलाव समय-समय पर हो सकते हैं, इसलिए आपको स्थानीय अधिकारियों से सही और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.
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